जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश। कहते हैं कि आपके अंदर कुछ करने का जुनून हो तो बिन दीपक के भी दुनिया को रौशन कर सकते हैं – यह कहानी है एक विकलांग युवक “अरुण प्रताप की जो सरई के रहने वाले है, जब यह 1 वर्ष के थे, पोलियो से ग्रस्त हो गए और इनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया, जैसे तैसे करके इन्होंने अपने जीवन को पाला, मां-बाप ने इनकी शादी करने से भी इनकार कर दिया और पागल सा समझने लगे फिर इन्होंने घर को छोड़कर शहर से दो वक्त की भोजन मिलने की उम्मीद मे बैढ़न आगये, इन्होंने यहां भी काफी समय व्यतीत किया, और यह युवक अचानक एक दिन साकार फाउंडेशन परिवार के द्वारा स्वादिष्ट भोजन पैकट वितरण कार्यक्रम में हनुमान मंदिर जा पहुंचा, और इनकी मुलाकात साकार फाउंडेशन परिवार के मुखिया आरती अनुराग बंसल जी से हुई, जहां इनके हालात को एक ही नजर में फाउंडेशन ने समझ लिया, बल्कि सप्ताह दिन के अंदर इनको, ट्राई साइकिल को रिक्शा में बदल कर साज- सज्जा के साथ रिक्सा सजाकर, दैनिक दिनचर्या में काम आने वाली सामग्री बेचने के लिए खरीद कर दिया गया| ताकि यह युवक अपना व्यापार गली मोहल्लों में घूम- घूम कर, कर सके और अपने रोजी रोटी के लिए कमाई कर सकें, किसी के सामने हाथ न फैलाना पडे। वहिं युवक ने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं जो हमने सोचा भी नहीं था कि कभी अपना खुद का व्यापार करूंगा| कल खाने को तरसते थे आज व्यापारी बन गया, आज साकार फाउंडेशन परिवार ने मुझे नया जीवन दिया है| और मैं साकार फाउंडेशन परिवार के मुखिया अनुराग बंसल जी अमित अग्रवाल जी, नितिन द्विवेदी जी, शर्मा जी, उमेश जी, राधारमण जी, यादव जी, व साकार परिवार के सभी सदस्यों को नमन और प्रणाम करता हूं|
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