जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश। कंज़्यूमर केअर आर्गेनाईजेशन के अध्यक्ष शशि देव पाण्डेय ने 24 जुलाई 2021 को बिजली विभाग के द्वारा आयोजित शिकायत निवारण शिविर को लोगों के समय की बर्बादी बताया। आगे उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय में बिजली मीटर लगवाने के बाद मात्र 5 यूनिट की बिजली का प्रयोग किया गया था। कार्यालय में 1 पंखा और दो सीएफएल का कनेक्शन है। हर महीने औसतन 215-220 का बिल आता था। लेकिन पिछले लॉकडाउन में कार्यालय बंद होने के बावजूद 70-75 यूनिट के बिल आने लगे। इसकी शिकायत की गई लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी न सुनने को तैयार थे और न ही गलती मानने को तैयार थे। मीटर टेस्ट के लिए आग्रह करने पर भी मना किया गया। कई बार विभाग के चक्कर लगा कर परेशान होने के बाद इस मामले को विद्युत फोरम जबलपुर में शिकायत की गई उसके बाद जनवरी में विद्युत फोरम के 45 दिवस के अंदर मीटर टेस्ट करने के आदेश से मीटर टेस्टिंग का आवेदन शुल्क के साथ स्वीकार तो कर लिया गया लेकिन मीटर बदल कर ले गए और कार्यालय में ही मीटर रख लिए टेस्टिंग नहीं करवाये। इसकी शिकायत ले कर पाण्डेय जी शिकायत निवारण शिविर में ले गए और वहां आवेदन दे कर पावती प्राप्त किये, जिसमे इन्हें दो दिन में कार्य आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया गया। 4 अगस्त को पचखोरा स्थित बिजली कार्यालय में जा कर अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए गए तो उन्हें ये कह कर लौटा दिया गया कि जब होगा तब आपको बताया जाएगा। इसकी शिकायत DE को किये लेकिन उससे भी इन्हें राहत नहीं मिली। वर्तमान में मीटर बंद है, लेकिन 133 यूनिट का बिल आया है। मीटर रीडर भी फ़ोन नहीं उठता है। पाण्डेय का कहना है कि बिजली विभाग मोनोपोली का फायदा उठा रही है, जनता त्रस्त है, मजबूर है, बिल न जमा करे तो कनेक्शन काट देते हैं, उपभोक्ताओं को कल आना कह-कह कर परेशान किया जाता है। दूर-दूर से अपना समय और पैसे खर्च कर के उपभोक्ता बिजली विभाग में आते हैं फिर भी इनकी समस्याओं का निराकरण नहीं होता। थक हार कर उपभोक्ता बढ़ी हुई बिल जमा करता है क्योंकि इसके पास इसका कोई विकल्प नहीं है।
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