Home > स्थानीय समाचार > उत्तर भारत में मानसून की वर्षा पर मजबूत हुआ अल नीनो का प्रभाव

उत्तर भारत में मानसून की वर्षा पर मजबूत हुआ अल नीनो का प्रभाव

लखनऊ । 2023 के अल नीनो वर्ष होने के कारण मानसून सामान्य या इससे कम रहने का अनुमान था लेकिन इसके उलट वर्षा सामान्य से अधिक चल रही है। उत्तर भारत में मानसूनी वर्षा पर अल नीनो सदर्न आसिलेशन (ईएनएसओ) का प्रभाव हाल के दशकों में असाधारण रूप से मजबूत हुआ है।
ऐसे में एक नए अध्ययन में सामने आया है कि उत्तर भारत में मानसूनी वर्षा पर अल नीनो सदर्न आसिलेशन (ईएनएसओ) का प्रभाव हाल के दशकों में असाधारण रूप से मजबूत हुआ है, जबकि मध्य क्षेत्र के लिए यह कमजोर हो गया है।
क्या कहते हैं जलवायु विज्ञानी?
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे के जलवायु विज्ञानी के नए अध्ययन के मुताबिक, यह वह क्षेत्र हैं, जहां कृषि और आजीविका काफी हद तक मौसमी वर्षा पर निर्भर है। ईएनएसओ व मानसून के बीच संबंध समय के साथ विकसित हुआ है।
मौसम विज्ञानी बताते है की वर्ष 1901 से वर्ष 1940 तक यह मजबूत हुआ, वर्ष 1941 से वर्ष 1980 तक स्थिर रहा, वर्ष 1981 के बाद से यह कमजोर हो गया। ईएनएसओ-मानसून संपर्क में यह परिवर्तन पूरे देश में समान नहीं है।
हाल के दशकों में बढ़ा अल नीनो का प्रभाव
मौसम विज्ञानी ने कहा कि उत्तर भारत पर ईएनएसओ का प्रभाव हाल के दशकों में बढ़ा है, जबकि मध्य भारत, जिसे कोर मानसून क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, उसके लिए संबंध कम हो गया है। दक्षिण भारत में ईएनएसओ-मानसून संबंध में कोई महत्वपूर्ण भिन्नता नहीं है।
इसका मतलब है कि ला नीना और अल नीनो अब उत्तर भारत में वर्षा को सबसे अधिक व मध्य भारत में सबसे कम प्रभावित करते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि मध्य भारत में वर्षा परिवर्तनशीलता के प्राथमिक कारण के रूप में उभरी है।
हिंद महासागर गर्म हो रहा
ऐसा हिंद महासागर के गर्म होने के कारण कमजोर होती मानसून की ताकत के साथ-साथ हाल के वर्षों में उत्तरी भारतीय क्षेत्र में मानसून के दबाव में कमी के कारण हो सकता है। ऐतिहासिक रूप से अल नीनो के कम से कम आधे वर्षों में मानसून के दौरान सूखा पड़ा, पूरे भारत में वर्षा लंबी अवधि के औसत के 90 प्रतिशत से कम थी।
क्या है अल नीनो?
अल नीनो सदर्न आसिलेशन (ईएनएसओ) के दो चरण होते हैं-अल नीनो और ला नीना। अल नीनो का अर्थ स्पेनिश भाषा में ‘छोटा लड़का’ है और यह एक गर्म चरण है। वहीं, ला नीना का मतलब ‘छोटी लड़की’ होता है, जो ठंड का चरण है।
प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना अल-नीनो कहलाती है। सरल शब्दों में समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में बदलाव की घटना को अल नीनो कहा जाता है। इसके कारण समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री तक ज्यादा हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *