Home > स्थानीय समाचार > उत्तर प्रदेश में सभी नागरिक बिना किसी भेदभाव के, भयमुक्त वातावरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा सकेगे

उत्तर प्रदेश में सभी नागरिक बिना किसी भेदभाव के, भयमुक्त वातावरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा सकेगे

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक कार्यालय मे भी प्रथम सूचना रिर्पार्ट पंजीकरण काउन्टर खोले जाने के निर्देश
लखनऊः उत्तर प्रदेश के सभी नागरिक अब बिना किसी भेदभाव के, भयमुक्त वातावरण में श्श्प्रथम सूचना रिपोर्टश्श् (थ्प्त्) दर्ज करा सकेंगे। शासन द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक कार्यालय मे भी प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकरण काउन्टर खोले जाने के निर्देश दिये गये है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के पंजीकरण के संबंध मे बरती गयी किसी भी प्रकार की शिथिलता को शासन द्वारा अत्यंत गम्भीरता से लिया जायेगा। प्रदेश सरकार प्रत्येक नागरिक को भयमुक्त वातावरण प्रदान किये जाने हेतु कृृत संकल्पित है। सभी नागरिकों के लिए बिना जाति और धर्म के भेदभाव के, भयमुक्त वातावरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराना वर्तमान सरकार के लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 का एक महत्वपूर्ण बिन्दु है तथा शासन जनता के विधिक अधिकार के परिरक्षण हेतु प्रतिबद्व है।
प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न किये जाने अथवा विलम्ब से दर्ज किये जाने या दर्ज रिपोर्ट की विवेचना समय से न किये जाने को शासन द्वारा अत्यन्त गम्भीरता से लिया जा रहा है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना तथा अपराध की समयान्तर्गत विवेचना पूर्ण कर दोषियों के विरूद्व विधि सम्वत कार्यवाही सुनिश्चित कराना पुलिस प्रशासन का गुरूतर दायित्व है। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में पुलिस महानिदेशक सहित सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किये गये है। उल्लेखनीय है कि प्रथम सूचना रिर्पार्ट दर्ज कराने के संबंध में उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली की पूर्ण संवैधानिक पीठ द्वारा भी आदेश दिये गये है। शासन द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि जनपदीय, परिक्षेत्रीय एवं जोनल स्तर पर प्रतिदिन यह आंकलन कर लिया जाये कि कितने प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृृत किये गये। उनका अनुश्रवण किया जाये तथा समयबद्व तरीके से विवेचना कर अग्रिम कार्यवाही की जाय। इसकी सूचना नियमित रूप से पुलिस महानिदेशक मुख्यालय, कन्ट्रोल रूम को प्रेषित की जाय। पुलिस महानिदेशक मुख्यालय द्वारा विवेचनाओं की प्रगति की समीक्षा समय समय पर की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की शिकायते प्राप्त होती है कि किसी घटना की श्श्प्रथम सूचना रिपोर्टश्श् (थ्प्त्) दर्ज करने में पीड़ित पक्ष को थानों अथवा जनपद/मण्डल के विभिन्न स्तरीय पुलिस/प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते है, परन्तु फिर भी उनकी प्रथम सूचना दर्ज नही की जाती है। अन्ततोगत्वा पीड़ित पक्ष द्वारा बाध्य होकर श्श्प्रथम सूचना रिपोर्टश्श् का पंजीकरण न होने के संबंध में उच्च स्तरों पर शिकायतें प्रस्तुत की जाती है अथवा न्यायालय की शरण लेनी पड़ती है। ऐसी प्रवृृत्ति के चलते जहा एक ओर जन सामान्य का पुलिस एवं कानून व्यवस्था पर से विश्वास उठ जाता है वही दूसरी ओर इससे शासन की छवि भी धूमिल होती है। यह भी उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा पूर्व में पुलिस महानिरीक्षक, कानून एवं व्यवस्था के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, महानगर, लखनऊ में ई-पुलिस स्टेशन की स्थापना की गयी थी, जिसकी अधिकारिता सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश की है। ई-पुलिस स्टेशन उत्तर प्रदेश के मोबाइल एवं वेब एप्लीकेशन या अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से अपराध हेतु इलेक्ट्रॅानिकली प्राप्त सूचना के आधार पर एफआईआर का इलेक्ट्रानिकल संचरण सुनिश्चित करेगा।
ई-थाना के माध्यम से शिकायतकर्ता कहीं से भी उत्तर प्रदेश में घटित होने वाले अज्ञात तथा ऐसे अपराध जो गम्भीर प्रकृति के न हो, की प्रथम सूचना का पंजीकरण उत्तर प्रदेश पुलिस की वेब साइट में करा सकते है। शासन द्वारा इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिये गये है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *