Home > स्थानीय समाचार > सूचना निदेशक के सौतेले व्यवहार पर भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य ने उठाए सवाल

सूचना निदेशक के सौतेले व्यवहार पर भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य ने उठाए सवाल

क्या चुनिंदा अखबार ही सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करते हैं ? – अशोक कुमार नवरत्न
लखनऊ। एक ओर सारा प्रिंट मीडिया जगत संकटकाल से गुजर रहा है। छोटे व मझोले समाचार पत्र आज बंद होने की कगार पर है। ऐसे समय में सूचना निदेशक का सौतेला व्यवहार छोटे व मझोले समाचार पत्रों की पीठ पर एक करारा कुठाराघात है। यही कारण है कि भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य अशोक कुमार नवरत्न ने पत्र जारी कर सूचना निदेशक से इस सौतेले व्यव्हार का कारण पूछा है कि क्या चुनिंदा अखबार ही सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करते हैं ? क्या छोटे व मझोले अखबार सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार नहीं करते है ? सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उ. प्र. सरकार द्वारा नियमित रूप से सरकार के प्रचार अभियान व कोरोना से सम्बंधित विज्ञापन कुछ चुनिंदा अखबारों को ही जारी किए जा रहे है । क्या चुनिंदा अखबार ही सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करते हैं ? वास्तविकता तो यह है कि छोटे व मझोले अखबार ही सरकार की योजनाओं का सही प्रकार से प्रचार व प्रसार करते है । जबकि माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली के 13 मई 2015 के निर्णय में सभी समाचार पत्रों को बिना किसी भेदभाव के समानता के आधार पर विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया गया है । आखिर क्या कारण है जो सूचना निदेशक छोटे व मझोले अखबार के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। अशोक कुमार नवरत्न ने लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को भी प्राथमिकता के आधार पर कोरोना से संबंधित सभी विज्ञापन नियमित रूप से जारी करने का आग्रह किया है। अब देखना यह है कि सूचना निदेशक इस आग्रह पर कितना गौर फरमाते है और लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों पर चल रहे संकट काल में उन पर तरस खाकर उनको बिना किसी भेदभाव के विज्ञापन जारी करने के लिए निष्पक्ष विचार करते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *