लखनऊ। राजधानी में 8 मार्च को एसटीएफ द्वारा अवध वन प्रभाग एवं टीएसए भारत के साथ छापे मे तस्करी कर ले जा रहे दो प्रजाति, पहाड़ी त्रिकूटकी एवं भूतकाठा के 79 कछुए बरामद किए गए थे। दोनो प्रजाति के कछुए भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत शेड्यूल 1 मे आते है। इन कछुओं को तस्करों ने बैग और अटैची में भरा हुआ था और वो इन्हें बस द्वारा ले जा रहे थे। एसटीएफ द्वारा अवध वन प्रभाग को सूचित करने पर कुकरैल घड़ियाल एवं कछुआ पुनर्वास केंद्र एवं टीएसए की टीम ने मौके पर पहुँच कर इन कछुओं को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया था। ये कछुए बंद बैग में काफी दयनीय अवस्था में थे। कोर्ट के आदेशनुसार इन सभी कछुओं को इनके पूर्ण रूप से स्वस्थ होने तक कुकरैल घड़ियाल एवं कछुआ पुनर्वास केंद्र, लखनऊ में वन्यजीव चिकित्सक की निगरानी में रखने के आदेशानुसार 4 महीने तक रखा गया।
वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा इन कछुओं के पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की बात कहने पर मुख्य वन्यजीव संरक्षक की अनुमति के बाद गुरुवार को इन कछुओं को पीलीभीत टाइगर रिजर्व, जो इस कछुओं का वास्तविक प्राकृतिक वास है में आज विमोचित किया गया।
न्यायालय के आदेशनुसार इन कछुओं को विमोचित करते समय की वीडियो फिल्म तथा फोटो भी खींच ली गयी है।
ये कछुआ विमोचन कार्यक्रम मुख्य वन्यजीव संरक्षक एस के उपाध्याय, वन संरक्षक लुप्तप्राय परियोजना के के पाण्डेय, मनोज सोनकर डीएफओ अवध, निदेशक टीएसए भारत डा0 शैलेंद्र सिंह, तथा वनजीव प्रतिपालक एस एन शुक्ला एवं वनजीव प्रतिपालक अवद वं प्रभाग ए के सिंह के मार्गदर्शन में किया गया।ये कछुए पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के डीएफओ कैलाश यादव एवं वन क्षेत्राधिकारी डी के श्रीवास्तव एवं क्षेत्रीय वनाधिकारी अवध वन प्रभाग एम एस यादव तथा कुकरैल के सुरेश पाल सिंह एवं राम सेवक यादव तथा टीएसए के भास्कर दीक्षित, अरुणिमा सिंह एवं सुरेन्द्र यादव की निगरानी मे विमोचित किए गए।