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स्कूली किताबों में महान विभूतियों को स्थान देकर योगी सरकार ने लिखा नया अध्याय, विदेशियों की बजाए अपने देश के महापुरूषों को जानेंगे बच्चे – शलभ मणि त्रिपाठी

लखनऊ | भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में गुरू गोरक्षनाथ और गुरू तेग बहादुर जैसी महान धार्मिक विभूतियों, आल्हा ऊदल जैसे वीर सेनानियों, पंडित दीन दयाल जी, डा श्यामा प्रसाद जी और जय प्रकाश नारायण जी जैसे महापुरूषों की जीवनी शामिल करने का फैसला ऐतिहासिक और सराहनीय है और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी इसके लिए साधुवाद के पात्र हैं। इस नए पाठ्यक्रम से आने वाली पीढियां अपने देश और प्रदेश की असल विभूतियों के संघर्षों और उनके राष्ट्रनिर्माण में योगदान के बारे में बखूबी जान पाएगी और इससे इन महान विभूतियों के लिए उनके हृदय में सम्मान का भाव बढेगा। शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि अभी तक स्कूली पाठ्यक्रमों में इतिहास में तमाम ऐसे लोगों के योगदान को बढा चढा कर पेश किया जाता रहा है जो बाहर से आक्रामणकारी के तौर पर आए और उनका देश के निर्माण में कोई खास योगदान नहीं रहा। ऐसे लोगों की जीवनी की जगह हमारे अपने देश के महापुरूषों, सेनानियों और योद्धाओं के जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला शानदार है।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि आजादी के बाद से स्कूलों के पाठ्यक्रमों में एक खास नजरिए से कुछ खास लोगों का ही इतिहास बच्चों को पढाया जाता रहा। ये जानते हुए भी कि वे आक्रामणकारी रहे हैं और उन्होंने भारत में हिंसा और रक्तपात किया, उन्हें इतिहास में महिमा मंडित किया गया। उनके किस्से बढा चढा कर बताए गए। हमारी पीढियां ऐसे लोगों का ही इतिहास पढ पढ कर उन्हें महान मानती रहीं जबकि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभाष चंद्र बोस, तात्या टोपे, रानी अवंतिबाई, चंद्रशेखर आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, बंधू सिंह के अलावा आल्हा ऊदल, स्वामी विवेकानंद, गुरू रामकृष्ण परमहंस, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, जय प्रकाश नारायण और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महानायकों को उचित स्थान तक नहीं दिया गया।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि इसीलिए सरकार ने अपने देश के इन वीर सपूतों का इतिहास बताने का फैसला किया है जिनका देश और समाज के निर्माण में अहम योगदान रहा है। अब सरकार प्राथमिक शिक्षा में 16 नए अध्याय जोड़ कर इन महापुरूषों और महानायकों के बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी देने जा रही है। इन नए अध्यायों में देश के महान धर्मगुरूओं गुरू गोरक्षनाथ, गुरू तेगबहादुर, बाबा गंभीरनाथ के साथ ही बंगाल के प्रमुख समाज सुधारक संत स्वामी प्रणवानंद के बारे में भी पढाया जाएगा। इससे पूर्व सरकार इन महापुरूषों की जयंती पर होने वाली छुट्टियों को खत्म कर उनके जीवन के बारे में कार्यक्रम कराने का आदेश पहले ही लागू कर चुकी है और इसके बेहद सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं।

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