लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी एवं महामंत्री अरुणा शुक्ला ने कल प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ देवेश चतुर्वेदी से कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण समस्याओं पर वार्ता किया। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने अवगत कराया है कि मान्यता प्राप्त संगठनों के अध्यक्ष, महामंत्री सचिव को संगठन के कार्यो के लिए एक कैलेंडर वर्ष में 7 दिन का विशेष अवकाश दिए जाने का शासनादेश निर्गत किया जा रहा है। शासनादेश के निर्गत हो जानेसे संगठनों के पदाधिकारियों को कर्मचारियों की महत्वपूर्ण समस्याओं पर पैरवी करना आसान हो जाएगा ।संगठनों के अध्यक्ष महामंत्री एवं सचिव के लिए उनके ड्यूटी आवर्स में अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए समय में रिलैक्सेशन किए जाने एवम् बायोमैट्रिक अटेंडेंस से छूट प्रदान किए जाने संबंध में भी सरकार विचार कर रही है। ऐसा आदेश हो जानेसे संगठनों के पदाधिकारियों को काफी राहत मिलेगी। बहुधा पदाधिकारी को शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने के लिए ड्यूटी आवर्स के दौरान शासन अथवा विभाग अध्यक्ष से मिलने आना पड़ता है, ऐसी स्थिति मे कुछ कार्यालयों के अधिकारी, अपने अधीनस्थ कार्यरत पदाधिकारी को वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की अनुमति देने में व्यवधान उत्पन्न करते हैं, जिसके कारण वरिष्ठ पदाधिकारी से संवाद हीनता के कारण कर्मचारियों की समस्याओं का समय पर उचित हल नहीं निकल पाता है और समस्याएं गंभीररूप धारण कर लेती है, और आंदोलन का कारण बन जाती है। अपर मुख्य सचिव के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था। अपर मुख्य सचिव ने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के इस मुद्दे पर ग दूरगामी परिणाम के दृष्टिगत पदाधिकारियों को ड्यूटी आवर्स में अधिकारियों से मुलाकात करनेके लिए अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के प्रकरण को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी हो सकता है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री अरुणा शुक्ला ने अवगत कराया है कि जनजाति विकास विभाग में कार्यरत नान बी एड शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के क्रम में संविदा राशि में संशोधन का लाभ दिए जाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण एवं जनजाति विकास विभाग को निर्देश भेजा है। संयुक्त परिषद ने लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत वर्तमान स्थानांतरण सत्र शून्य किए जाने की मांग भी मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव एवम् अपर मुख्य सचिव कार्मिक से किया है।