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सामाजिक परिवर्तन के लिए, महापुरुषों के योगदान की चर्चा घर घर में करनी होगी : लक्ष्य

लखनऊ | लक्ष्य की महिला टीम ने “घर घर भीम चर्चा” अभियान के तहत एक भीमचर्चा का आयोजन लखनऊ के बक्शी का तालाब के बरगदी मगठ में किया | सामाजिक परिवर्तन के लिए, महापुरुषों के योगदान की चर्चा बहुजन समाज के घर घर में करनी होगी | जब तक बहुजन समाज में जन्मे महापुरुषों के योगदान की चर्चा समाज के प्रत्येक घर में नहीं होगी तब तक बहुजन समाज बिखरा ही रहेगा और जो समाज बिखरा रहता है वह समाज या परिवार कितना ही बड़ा व विशाल क्यों न हो वह लाचार ही रहता है, उद्धारण के तौर पर बहुजन समाज को ले सकते है जो एक विशाल समाज होने के बाद भी वर्षो से लाचार ही बना हुआ है | यह बात लक्ष्य कमांडरों ने भीम चर्चा के दौरान कही | उन्होंने कहा कि अगर बहुजन समाज को लाचारी से बाहर निकलना है तो उसको अपनी विशालता की ताकत को समझना होगा और समाज में भाईचारे को मजबूत बनाना होगा तभी जाकर वह अपना वास्तविक विशालता वाला आकार पा सकता है और वह अपनी विशालता के बल पर लाचारी से बाहर निकलकर देश का हुक्मरान बन सकता है | जो समाज हुकमरान होता है उस समाज के लोगो का शोषण भी नहीं होता है और वे एक खुशाल जीवन जीते है | लक्ष्य कमांडरों ने बहुजन समाज के लोगो से आवाहन करते हुए कहा कि आओ मिलकर अपनी वास्तविक विशालता वाली स्थिति को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करे। इस कार्यक्रम में लक्ष्य कमांडर चेतना राव, विजयलक्ष्मी गौतम, मुन्नी बौद्ध, रेखा आर्या, राजकुमारी कौशल, संघमित्रा गौतम, संगीता, मालती, अर्चना प्रजापति, शिवानी प्रजापति, राम देवी, साहीम बानो, धनपाल विमल, मंजू देवी व हरेश कुमार विमल ने हिस्सा लिया |

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