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आरपीआई और बीएसपी का एक होना जरूरी, यूपी में 20ः दलित वोट बैंक: अठावले

लखनऊ,(यूएनएस)। बसपा प्रमुख मायावती को आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास अठावले ने पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया है। उन्होंने कहा, मायावती अगर आरपीआई में शामिल हो जाएं तो उनको पार्टी का अध्यक्ष बना देंगे। जिससे कि हम बाबा साहब की विचारधाराओं को लोगों तक पहुंचा सके। इसलिए आरपीआई और बसपा का एक साथ होना बहुत जरूरी है। वहीं, नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने पर कहा, उनको तो जाने-आने की आदत है। अठावले 1 दिन के दौरे पर लखनऊ पहुंचे हैं। सोमवार को उन्होंने टटप्च् गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा 4 मार्च को आरपीआई यानी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया रमाबाई अंबडेकर मैदान में विशाल जनसभा करेगी। मोदी सरकार में मंत्री अठावले ने कहा, बसपा की जगह अब आरपीआई ले रही है। बाबा साहेब अंबेडकर के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिए आरपीआई और बसपा का एक साथ होना बहुत जरूरी है। इससे उनके सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है। हमारी पार्टी केवल दलितों को ही नहीं सभी को साथ लाने की कोशिश कर रही है। इसमें हम सफल भी हो रहे हैं। सिर्फ मायावती नहीं, बल्कि बसपा के तमाम नेताओं से भी कहूंगा कि वह भी हमारी पार्टी में आएं। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि बहुत सारे मुस्लिम नेता जो बीजेपी में नहीं जाना चाहे वो आरपीआई में आ सकते हैं। इससे आरपीआई मजबूत होगी और बीजेपी को फायदा मिलेगा। देशभर में दलित पॉपुलेशन बहुत है। कांग्रेस और विपक्ष के लोग कहते हैं कि मोदी सरकार संविधान बदलेगी। लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन मोदी जी को हराने आया है। मगर अब वह टूट रहा है। नीतीश कुमार एनडीए में आ गए। इससे इंडिया को बड़ा झटका पहुंचा है। ममता दीदी, पंजाब में भगवंत मान भी अकेले लड़ रहे हैं। ममता दीदी को हमारा निमंत्रण है। वो भी नीतीश की तरह हमारे साथ आएं। यूपी में लोकसभा की 17 सीटें आरक्षित हैं। हालांकि, करीब 20ः दलित वोट बैंक है। चुनावी विश्लेषक बताते हैं कि अठावले के जरिए भाजपा दलित वोट बैंक को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। अठावले खुद महाराष्ट्र के दलित नेता है। इसलिए, लोकसभा चुनाव से पहले वह यूपी दौरे में पहुंचे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को 11ः वोट शेयर मिला था। जबकि 2017 के चुनाव में यह वोट प्रतिशत 22ः था। 2019 के लोकसभा चुनाव में आरपीआई ने यूपी की 16 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। यह सीटें थीं, गाजियाबाद, मेरठ, बिजनौर, बरेली, कानपुर नगर, अकबरपुर, फैजाबाद, कैसरगंज, डुमरियागंज, संतकबीरनगर, कुशीनगर, जौनपुर, मछलीशहर, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज। पिछले लोकसभा में भी अठावले ने यूपी में एनडीए गठबंधन की 2-3 सीटों की मांग की थी। उन्होंने तब सीएम योगी से भी मुलाकात की थी। हालांकि, पार्टी ने उनको यूपी में सीटें नहीं दी थीं।

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