लखनऊ | मतदाताओं को अब बिजली बिल पर मिलने वाली भारी सब्सिडी जल्द ही खत्म हो सकती है। केंद्र सरकार नई बिजली टैरिफ संबंधी पॉलिसी में इस तरह के प्रावधान लागू करने पर विचार कर रही है। यह नीति लागू हो जाने के बाद कोई सरकार मुफ्त बिजली नहीं दे सकेगी। केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने बताया कि नए नियमों के अनुसार, क्रॉस सब्सिडी 25 फीसदी प्रति वर्ष की दर से कम की जाएगी। आने वाले समय में इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि, राज्य सरकारों के पास अपने मतदाताओं को सस्ती बिजली देने का विकल्प बना रहेगा। मुफ्त बिजली के नाम पर मिलने वाली सब्सिडी की योजना को खत्म करने पर विचार किया जाना है। मंत्री ने कहा कि अगर सरकार अपने नागरिकों को मुफ्त बिजली देना चाहती है, तो उन्हें इसका मूल्य अपने वित्तीय संसाधनों से चुकाना होगा या फिर अपने बजट में अलग से प्रावधान लाना होगा। डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर यानी मतदाताओं के खाते में सीधे सब्सिडी का पैसा भेजा जाएगा। इससे नागरिक अपने उपभोग के हिसाब से बिजली बिल चुका सकेंगे लेकिन राज्य सरकार की ओर से भेजे गए पैसों में वे इसका भुगतान भी कर सकेंगे। जिनका बिजली बिल कम आएगा, वे डायरेक्ट सब्सिडी से कुछ पैसा भी बचा सकेंगे। इससे नागरिक बिजली बचत को लेकर जिम्मेदार बनेंगे।