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लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में राजा भैया की हुंकार रैली

लखनऊ | बाहुबली नेता, निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया शुक्रवार को ही राजा भैया के राजनीतिक जीवन के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसके चलते राजा भैया के समर्थकों ने रैली को राजा भैया रजत जयंती अभिनंदन समारोह का नाम दिया है। उन्होंने इस रैली के माध्यम से अपने नए राजनीतिक सफर की हुंकार भरी। लखनऊ के रमाबाई मैदान में आयोजित रैली में उन्होंने अपनी नई पार्टी के नाम के साथ ही एजेंडे का भी ऐलान किया। इस रैली को राजा भैया का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। बता दें कि राजा भैया ने 19 नवंबर को एक प्रेसवार्ता की थी। इसमें उन्होंने एसससी-एसटी एक्ट, प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था। राजा भैया ने कहा था कि प्रमोशन का आधार वरिष्ठता और गुणवत्ता होनी चाहिए, जाति नहीं। इस दौरान उन्होंने नई पार्टी के गठन का ऐलान भी किया था। उन्होंने बताया था कि जनसत्ता पार्टी, जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी और जनसत्ता दल के नाम से पार्टी के लिए तीन नाम चुनाव आयोग को भेजे गए हैं। पार्टी सिंबल के लिए चुनाव आयोग को लेटर लिखा गया है। इस दौरान राजा भैइया ने पार्टी के उद्देश्यों को लेकर अपने विचार जनता के सामने रखे | जनसत्ता पार्टी गन्ना किसानों सहित सभी किसानों का खरीदा गये अनाज का मूल्य एक सप्ताह के अंदर दिया जाएगा। सीमा पर शहीद होने वाले जवानों की राहत राशि एक करोड़ रुपया दी जाएगा, इसमें जातिपात का भेदभाव नहीं किया जाएग | आज अगर मुआवजा दिया जा रहा है तो वो जाती देखकर किया जा रहा है, हम समानता का अधिकार चाहते हैं, यह हमारा मौलिक अधिकार है।। हम यह नहीं कहते हैं कि दलित या अन्य किसी को मिल रही सुविधाएं एक बराबर होनी चाहिए, समानता की मांग करने कोई अपराध नहीं होता है।। 1989 में राजीव गाँधी जी के द्वारा एससी/एसटी एक्ट बनाया गया, तब से आज तक उसको दिन प्रतिदिन जटिल बनाया जा रहा है। भारत के अगर सभी राजनीतिक दल किसी बात में एकमत हुए तो वो है एससी/एसटी एक्ट, सभी ने मुकदमा दर्ज होते ही 6 महीने के लिए जेल भेजे जाने के कानून को पास किया गया। क्या भारत के सभी नागरिक समान अधिकार नहीं रखते हैं। 4 लाख मतदाता हैं कुंडा में मात्र 12000 क्षत्रिय हैं, लेकिन हर वर्ग का मुझे स्नेह मिलता है। सभी राजनीतिक दल समाज मे फुट डालने के उद्देश्य से एससी/एसटी एक्ट को जटिल बनाते जा रहे हैं। जो आरक्षण का लाभ पा चुके हैं उन्हें आरक्षण के दायरे से हटाया जाए, साथ ही आम दलित और गरीब लोगों को इसका लाभ दिया जाए, जनसत्ता दल सभी राजनीतिक दलों से अपील कर इस फैसले का स्वागत करती है। इस रैली में मुख्य अतिथि के तौर पर राजा भैया मौजूद रहे। राजाभैया को सुनने के लिए रैली में सात राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात और महाराष्ट्र से उनके समर्थक पहुंचे थे। रजत जयंती समारोह के प्रदेश प्रवक्ता अश्वनी सिंह ने बताया कि इन सात प्रदेशों के लोगों का लखनऊ में गुरुवार से आगमन शुरू हो गया था। रैली में हजारों की भीड़ जनसत्ता पार्टी के रंग में रंगी नजर आ रही थी। राजा भैया के समर्थक हाथों में झंडे, पोस्टर लेकर नारेबाजी करते हुए उत्साहित नजर आ रहे थे। वहीं राजा भैया की पार्टी के झंडे और बैनर लगे दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन राजधानी की सड़कों पर नजर आ रहे थे। हालांकि रैली में मौजूद पदाधिकारी 3 से 4 लाख लोगों के जुटने का दावा कर रहे थे।

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