शासन से आई जाँचों को डाला ठंडे बस्ते में, अरोपितों को नहीं हटाया प्रवर्तन से आखिर क्यों ?
लखनऊ । उपाध्यक्ष लविप्रा का अवैध निर्माणों के विरुद्ध सख्त रुख होने के बाद भी प्रवर्तन जोन 1 व 5 में उनकी उक्त जोन के अवर अभियंताओं व सहायक अभियंताओं पर विशेष मेहरबानी नजर आने लगी हैं । इसका कारण कहीं नियम विरुद्ध निर्माण कर्ताओं व प्रवर्तन अधिकारियों के साथ साठ गाँठ तो नहीं। फिलहाल यह तो जाँच का विषय हैं। शासन को उक्त जैसे प्रकरणों की शासन स्तर पर गहन जांच होना चाहिए। परन्तु शासन स्तर से आई हुई इस तरह की जाँचों को लविप्रा में उक्त अधिकारियों द्वारा पूर्णतया दबाने का प्रयास किया जा रहा हैं। बताते चलें कि चाँदन इंदिरा नगर में लगभग 400 नियम विरुद्ध अवैध हाऊसिंग निर्माण हुए हैं । प्रवर्तन जोन 1 व 5 के प्रवर्तन अधिकरियों ने शासनादेशों का बड़े पैमाने पर उल्लघन किया जा रहा हैं। आई जी आर एस शिकायतों का निस्तारण गलत अरोपितों द्वारा स्वयं जाँच करके भ्रामक आख्यायें दी जा रही हैं। जो शासनादेशों खुला उल्लंघन व अवमानना हैं। बार बार सीलिंग आदेश होने पर खाना पूर्ति के लिए कुछ संख्या में रो हाउसिंग को सील कर उक्त अधिकारियों ने खाना पूर्ति कर दी हैं। उक्त संबंध में आई जांच को अवर अभियंता सुभाष चंद्र व जोनल अधिकारी की बिल्डरों के साथ साठ गाँठ कर जाँच के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही हैं। जबकि उक्त प्रकरण में शासन में शपथ पत्र सहित शिकायत हुई है। परंतु गौरतलब बात तो यह है कि उक्त प्रकरण उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण के जानकारी में बेलगाम अवर अभियंता व अन्य अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा हैं। ऐसा न होता तो वह शासन से उक्त अवर अभियंताओं के विरुद्ध जांच आते ही उपाध्यक्ष द्वारा आरोपितों को सर्व प्रथम प्रवर्तन से हटाना चाहिए था।यह उनका उत्तर दायित्व हैं। उक्त संबंध में मुख्य सचिव के यहाँ शिकायत के समर्थन में शपथ पत्र देकर शिकायत की गई हैं। फिर भी उक्त बेलगाम प्रवर्तन अधिकारियों के संरक्षण में आज भी लगातार नियम विरुद्ध रो हाउसिंग व्यवसायिक निर्माण हो रहे है। जिसको उक्त अधिकारी रोकने में असफल है । केवल सीलिंग के नाम पर खाना पूर्ति करके अपने को ईमानदार साबित किया जा रहा है। परंतु सीलिंग के बाद भी निर्माण लगातार दुरभि संधि के चलते हो रहे हैं। इसके अलावा इसी नीति के आधार पर प्रवर्तन जोन 1 में भी सैकड़ो आवासीय भवनों में व्यवसायिक अवैध निर्माणों को पूरा कराया जा रहा है। इस प्रकरण को उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण के जानकारी में अवर अभियंता व अन्य बेलगाम अधिकारियों के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा है। परंतु वह न जाने किस क्यों चुप्पी साधे हुए है ? उक्त प्रवर्तन अधिकारियों के विरुद्ध शासन से आयी जाँचों के बाद भी प्रवर्तन से नही हटाया है जिसके कारण उक्त जाँचे प्रभावित हो रही हैं जिसके चलते शिकायतों की जाँच निष्पक्ष होना असंभव हैं।