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प्रान्तीय बैठक में हंगामा कर रहे जनपद अध्यक्ष कानपुर राजेश पाल,लखनऊ दिनेश चन्द्र बर्खास्त

मुख्य सचिव के स्पष्ट आदेश के बाद भी बोरिंग टेक्नीशियन पदोन्नति से वंचित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन की प्रान्तीय बैठक में मुख्य सचिव के स्पष्ट आदेश के बावजूद बोरिंग टेक्नीशियन के अवर अभियंता के पद पदोन्नति न होने सहित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा के उपरान्त इस सन्दर्भ में शीघ्र ही सरकार से पत्राचार कर आन्दोलन का निर्णय लिया गया है। इस दौरान प्रान्तीय अध्यक्ष हौसिला प्रसाद मिश्र के सम्बोधन के दौरान जनपद अध्यक्ष कानपुर राजेश पाल और जनपद अध्यक्ष लखनऊ दिनेश चन्द्र द्वारा हंगामा किये जाने, संघ विरोधी गतिविधियों को देखते हुए प्रान्तीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राजेश पाल को एसोसिएशन से बर्खास्त कर दिया। पदाधिकारियों ने इस दौरान कहा कि पिछली 10 सितम्बर को गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित अधिवेशन में राजेश पाल प्रदेश अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़े इस दौरान उनके साथ उनका पैनल बुरी तरह से पराजित हुआ था तब से वे लगातार प्रदेश कार्यकारिणी एवं एसोसिएशन के विरूद्ध कार्य कर रहे थे।
बैठक की जानकारी देते हुए महामंत्री विक्रमजीत ने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक दारूलशफा मे चल रही थी इस दौरान राजेश पाल और जनपद अध्यक्ष लखनऊ दिनेशचन्द्र द्वारा हंगामा किया गया,इससे नाराज तथा उनकी पूर्व गतिविधियों को देखते हुए कार्यकारिणी ने पहले निन्दा प्रस्ताव एवं उसके उपरान्त उन्हे बर्खास्त करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि बैठक में मुख्य सचिव के आदेश के बवाजूद बोरिंग टेक्नीशिन के 155 पदों पर पिछले चार वर्षो से लम्बित पदोन्नति कराये जाने की मांग रखी गई। बैठक में सहायक बोरिग टेक्नीशियन/बोरिग टेक्नीशियन के ग्रेड पे क्रमशः 2400 एवं 2800के सादृश्य वेतनमान मांगा गया। बैठक में बोरिग टेक्नीशियन की तकनीकी दक्षता को देखते पदनाम परिवर्तन की मांग करते हुए बोरिग टेक्नीशिन का पदनाम तकनीकी पर्यवेक्षक किये जाने की मांग की गई। बोरिग टेक्नीशियन का अधिकत्तर कार्य फील्ड स्तर पर होता है अतः बोरिग टेक्नीशियन संवर्ग को मोटर साइकिल भत्ता दिया जाए। इस दौरान यह भी कहा गया कि बोरिग टेक्नीशिन का जो पदोन्न कोटा 23 प्रतिशत है वह बहुत कम है जिसके कारण अधिकत्तर कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे है अतः इसे बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया जाए। क्योकि यह संवर्ग फील्ड में काम देखता है कई कई गाॅव घूमने पडऋते है ऐसे में प्रतिदिन खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में बायोेमैट्रिक उपस्थित से इन्हें मुक्त रखा जाए। बैठक में स्क्रीनिंग,एसीपी और चरित्र प्रविष्ट में ‘‘ वेरी गुड’’ की पात्रता जैसे कर्मचारी विरोधी आदेशों की पुरजोर निन्दा करते हुए इन्हें वापस लेने की मांग रखी गई। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद प्रताप सिंह, अरूण शुक्ला, अनुपम तिवारी, श्यामनारायण यादव, रोहुल इस्लमा, हरिशंकर वर्मा, अजयपाल सिंह, राधेश्याम यादव, सतपाल सिंह, सर्वेश कुमार सिंह, राघवेन्द्र यादव,रामसेवक सिंह पटेल, दीपक चैहान, शीतला प्रसाद, अरविन्द राय, राजेश कुमार ने अपने विचार रखे, बैठक का संचालन आनंद प्रताप सिंह ने किया।

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