लखनऊ | नगर निगम के पार्षदों में पार्षद निधि में कटौती को लेकर फैले भ्रम के संदर्भ में माननीय महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी निजलिंगप्पा को फोन कर अपने आवास पर तलब कर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली। महापौर ने लेखाधिकारी से कहा कि माननीय सदन के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाए। उन्होंने पूछा कि आपने 95 लाख की पार्षद निधि को अवमुक्त करने की क्या व्यवस्था की है? महापौर ने लेखाधिकारी से कहा कि सभी पार्षदों को 95 लाख की पूर्ण पार्षद निधि सुनिश्चित करवाना आपकी जिम्मेदारी है। जिस पर लेखाधिकारी ने महापौर की बात मानते हुए कहा कि 95 लाख की राशि चार किस्तों में जारी कर दी जाएगी। महापौर ने लेखाधिकारी से कहा कि सदन के आदेश की अवहेलना एवं अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महापौर ने कहा कि पार्षद निधि के संदर्भ में अब किसी भी प्रकार की गलतफहमी नहीं है। साथ ही उन्होंने बताया कि कल नगर निगम कार्यकारिणी सदस्यों एवं सभी पार्षद दल के नेताओं के संशय को दूर करने के लिए नगर निगम मुख्यालय में दोपहर 2:00 बजे बैठक करेंगी।