लखन | (आरएनएस) जनपद मुरादाबाद निवासी पवन अग्रवाल ने सूूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत संयुक्त शिक्षा निदेशक, द्वादश मण्डल, मुरादाबाद से अपने संलग्न पत्र दिनांक 20.06.2015 व दिनांक 10.06.2015 पर अब तक आपके द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है। प्रार्थी का आवेदन-पत्र किस अधिकारी/कर्मचारी के पास जांच हेतु कितने समय तक लम्बित है प्रकरण के सम्बन्ध में कौन-कौन से कर्मचारी दोषी है, उनपर क्या कार्यवाही की गयी है, सम्बन्धित के नाम व पदनाम, सहित प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध कराये, मगर इस सम्बन्ध में विभाग द्वारा वादी को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी, अधिनियम के तहत सूचना न मिलने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर सम्बन्धित मामले की जानकारी प्राप्त करनी चाही है। राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने संयुक्त शिक्षा निदेशक, द्वादश मण्डल, मुरादाबाद को नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सूचना 30 दिन के अन्दर समस्त अभिलेखों सहित अनिवार्य रूप से आयोग के समक्ष पेश करें, जिससे प्रकरण में अन्तिम निर्णय लिया जा सके, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। वादी द्वारा लिखित रूप से प्रकरण के सम्बन्ध में सूचना आयोग को अवगत कराया गया कि अम्बिका प्रसाद इण्टर कालेज में डी0आई0ओ0एस0, मुरादाबाद व प्रबन्धक कार्यकारिणी कमेटी द्वारा 20-20 लाख रूपये लेकर एस0सी0 व ओ0बी0सी0 की 05 फर्जी नियुक्तियाॅ की गयी है। संयुक्त शिक्षा निदेशक, द्वादश मण्डल, मुरादाबाद से अब्दुल सत्तार प्रधानाचार्य उपस्थित हुए उन्होंने द्वारा आयोग को बताया कि प्रबन्धक द्वारा सम्बद्ध प्राईमरी अनुभाग में 05 रिक्त पदों पर की गयी नियुक्यिाॅ अंजू रूहेला, राजीव यादव, रमेश चन्द्र, रविन्द्र सिंह, राम किशोर सिंह सभी सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता न होने एवं चयन निष्पक्ष न होने के कारण सभी 05 पदों पर किया गया चयन निरस्त/अमान्य कर दिया गया है, इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।