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निजीकरण आन्दोलन की जीत के बाद राजस्व बढढ़ोतरी का लक्ष्य :बिजली कर्मचारी

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने किया धन्यवाद सभा का आयोजन

लखनऊ। पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन के साथ वार्ता के बाद बिजली कर्मचारियों का आंदोलन वापस होने के बाद शुक्रवार को राजधानी में राणा प्रताप मार्ग स्थित हाइडिल फील्ड हॉस्टल में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ०प्र० ने धन्यवाद सभा का आयोजन किया।
गौरतलब है कि प्रमुख सचिव ऊर्जा और संघर्ष समिति के बीच आठ घंटे चली वार्ता के बाद   लिखित समझौता हुआ है। समझौते में साफ लिखा गया है कि सात जनपदों के टेण्डर वापस ले लिए गए हैं और कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना उप्र में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नही किया जाएगा। समझौता में यह भी लिखा गया है कि विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही९ सुधार हेतु कर्मचारियों को विश्वास में लेकर ही सार्थक कार्यवाही की जाएगी। वार्ता के दौरान ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा भी उपस्थित थे। बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण आंदोलन को सफल बनाने के लिए मंत्रियो-विधायकों से पत्र लिखवाए, चिपको आंदोलन किया और बुद्धि-शुद्धि यज्ञ तक का आयोजन किया था।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक को इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे की अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें वक्ताओं ने समिति के संघर्ष और विजय को लेकर चर्चाएं की गई। प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर डी के मिश्रा ने सरकार के निजीकरण समर्थक रवैए की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ लम्बी लड़ाई आपसी सहयोग के साथ लड़ी गई जिसके कारण हमें जीत हासिल हुई है। दिल्ली में घरना-प्रदर्शन करने की याद दिलाते हुए मिश्रा ने कहा कि पूरे देश में निजीकरण को लेकर सरकार अभियान चला रही है परंतु यूपी सरकार को अंततः घुटने टेकने पड़े। बैठक को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण से बचने के लिए बिजली कर्मियों को लाइन हानि नुकसान कम करते हुए राजस्व बढ़ाने के लिए अगली लड़ाई लड़नी होगी तभी हमारी जीत पूरी और सार्थक होगी। बिजली उपभोक्ताओं से अच्छा व्यवहार करने की सलाह देते हुए वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि लाइन हृास कम करना जरूरी है पर लाचार लोगों से अच्छा व्यवहार कर हमें दुआएं भी कमानी है। बैकक को इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे के साथ सुहैल आबिद, दीपेन्द्र कुमार तथा मोहित निगम आदि ने सम्बोधित किया।

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