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नसीमुद्दीन ने 9 अॉडियों सुनवा कर खोली मायावती की जन्मकुण्डली

कहा अभी 150 अॉडियों और है जिनमे मरवाने तक की बात है
रंजीव ठाकुर
लखनऊ । बसपा सुप्रीमों मायावती के आदेशानुसार बुधवार को सतीश मिश्रा द्वारा कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनकें बेटे को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाये जाने के बाद गुरुवार को पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन ने राजधानी में कैण्ट स्थित थिमैया मार्ग निवास पर पत्रकारों से बात करते हुए बड़ा खुलासा किया । गौरतलब है कि बुधवार को सतीश चन्द्र मिश्रा ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर बेनामी सम्पत्ति को लेकर गंभीर आरोप लगाये थे और उनकों पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्काषित किया गया था ।
बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख मुस्लिम चेहरा रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि घटनाक्रम ये रहा कि विधानसभा चुनाव के बाद मायावती ने मुझें और मेरे बेटे अफजल को दिल्ली बुला कर पूछा कि मुसलमानों ने बीएसपी को वोट क्यों नहीं दिया । मैनें कहा कि सपा- कांग्रेस गठबंधन से मुस्लिम कंफ्यूज हो गया और हमे वोट मिला पर बंट गया । पर मायावती ने कहा कि मैं इस उत्तर से संतुष्ट नहीं हूं और आप गुमराह कर रहे हो । उन्होनें मुझें उल्टा सीधा बोलतें हुए कहा कि ये टोपी और दाढ़ी वाले मुस्लिम कुत्ते क्यों मेरे पास मिलने आते थे । मेरे एतराज करने पर मायावती ने कहा कि पिछडों और दलितों ने भी वोट नहीं दिया और सभी पिछडों दलितों को भलाबुरा कहा । भरी मीटिंग में मेरा नाम लिये बगैर माइक पर मेरे बारे में कहा । मायावती ने अप्रैल 19 को कांशीराम को नीचा दिखाते हुए कहा कि कांशीराम पंजाब पूरा पैसा लेकर चले गये और यूपी मेरे पास छोड़ दिया, मैनें यूपी जीता पर कांशीराम पंजाब में एक सीट भी नहीं जीत पाये । तब मैनें मायावती को कहा कि ये बात नहीं कहनी चाहिए थी, आप कार्यकर्ताओं से मिलो और घोषणापत्र जारी करो । विधानसभा चुनाव की कमियों को जब मैनें मायावती को बताया तो वे भड़क उठी । मायावती के आवास पर होने वाली तलाशी की बात उठाई तो नाराज हो गयी । एक दिन अकेले मिलने बुलाया और कहा कि पार्टी को पैसे की जरूरत है और मैनें हॉ कहने पर 50 करोड़ रुपये की मांग सामने रखी । मायावती ने कहा कि प्रापर्टी बेच कर 50 करोड़ रुपये लाओ पर मैनें मना कर दिया । तब मायावती ने कहा रिश्तेदारों से ले लो । उन्होनें कहा तुम्हारें बीबी बच्चें तुम्हारें काम नहीं आयेंगे । नसीमुद्दीन ने आगे कहा कि तब मैनें रिश्तेदारों से कुछ पैसे इकठ्ठे करके फोन किया तो उन्होनें कहा कि नहीं पूरा पैसा लेकर आना । नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती बिल्हसी से चुनाव लड़ रही थी और तब मैं वहॉ चुनाव प्रभारी था, पत्नी ने बताया कि बेटी बहुत बिमार है तब मायावती ने मना कर दिया और मेरी बेटी मर गयी तथा मैं बेटी के अन्तिम संस्कार तक में नहीं जा पाया । बहनजी को वो कुर्बानी याद नहीं ? मायावती के कहने पर मैनें बहुत से आरोप अपने ऊपर ले लिये पर मेरे साथ बदतमीजी की गयी और बार बार पैसों के लिये पूछती रही । इसके बाद एक काम और बताया कि सारे सदस्यों की सदस्यता कापी ला कर हिसाब दो तब मैं समझ गया कि मुझें पार्टी से निकाला जायेगा । जिस पार्टी के लिये मैनें मरी बेटी का मुंह नहीं देखा उस पार्टी को मैं कैसे छोड़ सकता था । इस पार्टी के लिये मैनें अपनी बेटी की कुर्बानी दी है पर कब तक मूकदर्शक बना रहता । सतीश चन्द्र मिश्रा एण्ड कम्पनी की सोची समझी रणनीति के तहत पार्टी खत्म की जा रही है । मायावती तीन बार मुख्यमंत्री बन चुकी इसलिये वे चाहती है कि कोई और दलित इतिहास में मुख्यमंत्री का पद न प्राप्त कर रहे । सतीश मिश्रा 2003 से पार्टी में है और मैं 1983 से है । सतीश मिश्रा ने आरोप लगाया कि मेरे अवैध बूचडखाने चल रहे है पर किसी एक का नाम नहीं बता पाये । मुझ पर पैसे लेने का झूठा आरोप लगाया पर मुझसे स्पष्टीकरण तक नहीं मांगा । आरोप तो लगाये पर नाम तो बताओ । पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया पर बताये तो मैनें क्या किया जबकि मायावती ने मुझें निकाय चुनाव तक मध्य प्रदेश जाने को मना किया था । बेनामी सम्पत्ति का आरोप लगा दिया, ताज कॉरीडोर मामले में मेरी जांच हुई थी तब सीबीआई ने कहा था कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी के पास बेनामी सम्पत्ति नहीं है पर मायावती के पास निकली । बसपा की सरकार रहते मेरी जांचे करवाई पर किसी एजेंसी को कुछ नहीं मिला । मायावती, सतीश मिश्रा और आन्नद कुमार की सारी पोल मेरे पास है खोल दूंगा तो भूचाल आ जायेगा । पर मैं पहले पोल नहीं खोलूंगा । मुझें पता है मायावती ने किसको मरवाने का प्रयास किया था । माया के पास कई आपराधिक गिरोह भी है जो बहनजी के कहने पर आगजनी तक कर देते है । ये गिरोह पिटवाने, मरवाने, धमकाने का काम करता है जिसके हर सदस्य को मैं जानता हूं । मैं सबकी जन्मकुण्डली जानता हूं । मेरे बोलने पर मायावती मेरे तथा मेरे समर्थकों के ऊपर भी अटैक करवा सकती है । मैनें फौज में नौकरी की है और मैं डरता नहीं हूं । सतीश चन्द्र मिश्रा ने मायावती को जांचों का डर दिखा कर बंधक बना लिया है । मायावती की राज्यसभा सदस्यता के दो कालों में सम्पत्ति 200 करोड़ कैसे बढ़ गयी । मुझसे जब जब पैसा मांगा गया, मेरे पास रिकार्ड़ है । नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पत्रकार वार्ता में मायावती से बातचीत का अॉडियों सुनवाया, जिसमें मायावती निकाय चुनाव तक प्रदेश में रहने की बात करती सुनाई दी । इस अॉडियों में मायावती कह रही है कि नसीमुद्दीन वो काम करे जिसको आपको कहा गया था तब नसीमुद्दीन बोलते हुए सुनाई देते कि मैं जल्दी ही प्रापर्टी बेच दूंगा । दूसरी अॉडियों में मायावती कहती सुनाई पड़ती है कि आपने अपनी जिम्मेदारी पर लोनी, मोदी नगर वालों से पैसा लाने को कहा था उसका क्या हुआ । तब नसीमुद्दीन सिद्दीकी बोलते सुनाई देते है कि मैं अपनी सारी प्रापर्टी बेच कर पूरे पैसे दे दूंगा । तीसरी अॉडियों में मायावती कहती सुनाई देती है कि सिवालखास वाले पैसा क्यों नहीं दे रहे है तुरंत पैसे ले लो और किताबे ले लो । नसीमुद्दीन कहते है मैं जल्दी ही पैसे जमा करवा दूंगा । चौथे अॉडियों में मायावती कहती सुनाई देती है कि नोट कर लो कि मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और बरेली मण्डल वालों को बुला कर किताबे और पैसा जमा करवाओ । नसीमुद्दीन कहते है मैनें सदस्य नहीं बनायें तो मायावती कहती है तुमने मुसलमानों को टिकट दिलवाये है तो नसीमुद्दीन मना करते है पर मायावती 9 तारीख को आने की बात कहती है और मुसलमानों की टोटल जिम्मेदारी नसीमुद्दीन पर होने की बात कहती है । पॉचवे, छठे और सातवें अॉडियों के बाद नौंवे अॉडियों में मायावती कहती सुनाई देती है कि 9 तारीख को आने वाले पता नहीं कब आयेंगे आप आ जाओ तब नसीमुद्दीन कहते है बहनजी मैं डरता हूं तो फोन कट जाता है ।
स्वाती सिंह मामले पर जवाब देते हुए कहा कि मैनें नारे नहीं लगाये, मैं बहु बेटी की इज्जत करना जानता हूं । नयी पार्टी बनाने की बात का जवाब देते हुए कहा कि सबसे सलाह करके फैसला करूंगा और सबके सम्मान का ध्यान रखेंगे ।
मायावती और सतीश चन्द्र मिश्रा ने मुझ पर और मेरे बेटे पर अनर्गल आरोप लगाये जो तत्थयहीन है और आज तो पॉच अॉडियों सुनाये है आगे 150 और भी है । पत्रकार वार्ता के पूर्व सिद्दीकी ने अपने समर्थकों को पहले ही अपने निवास पर बुला लिया था जिससे कि मीडिया के सामने शक्ति प्रदर्शन किया जा सके । वार्ता में सिद्दीकी के साथ बसपा के पूर्व नेता ओमप्रकाश सिंह, ब्रिजेश सिंह, अतहर खान, प्रदीप सिंह, लियाकत अली, रामू द्वीवेदी कई विधायक, पूर्व सांसद, कॉडिनेटर, मौलाना आदि बड़ी संख्या में मौजूद रहे । सबने मायावती को आदतें सुधार लेने की बात करते हुए कहा कि यदि ये बदलाव नहीं हुए तो बसपा समाप्त हो जायेगी। नसीमुद्दीन ने बताया कि उनकीं पत्नी सहित उनकें रिश्तेदारों ने भी बसपा छोड़ दी है। बसपा से सब बारी बारी बिछड़ रहे पर शायद दो दिन में नीला रंग नसीमुद्दीन के जीवन से धुल न सका जो आवास में लगाये गये टेंट का रंग नीला ही रहा ।

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