Home > स्थानीय समाचार > नाम किसान महापंचायत का परन्तु किसानो के एक भी मुद्दा नहीं-रामनिवास यादव

नाम किसान महापंचायत का परन्तु किसानो के एक भी मुद्दा नहीं-रामनिवास यादव

लखनऊ। राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय अध्य्क्ष रामनिवास यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसान हितैषी तीनो कृषि बिलो के विरोध में आयोजित किसान महापंचायत कि आलोचना करते हुए कहा कि मुजफ्फर नगरमे हो रही किसान महापंचायत पूरी तरह से फेल हो गयी जिसमे किसानो के नाम पर सपा, बसपा, कांग्रेस, लोकदल सहित किसानो की फसलों को लूटने वाले दलाल किसानो के नाम पर शामिल हुए जिससे संयुक्त किसान मोर्चा का किसान हितैषी कृषि बिल पर असली चेहरा किसानो के सामने आया, जिसको पूरे देश का किसान अच्छी तरह से समझ गया है जिस तरह से कथित किसान महापंचायत में देश विरोधी एवं देश के खिलाफ नारेबाजी लगाने वाले शामिल हुए उससे देश के किसान अपने आप को शर्मिंदा महसूस कर रहा है नाम किसान महापंचायत का परन्तु किसानो के एक भी मुद्दा नहीं रखा जिन तीनो कृषि बिलो का विरोध संयुक्त किसान मोर्चा एवं कुछ राजनैतिक दलों द्वारा किया जा रहा वह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है जिन कृषि बिलो को लागू करने की मांग किसानो के मसीहा स्व. महेंद्र सिंह टिकैत जी द्वारा लगातार की जा रही था जिसको पिछली सरकारों ने कभी लागू नहीं किया आज जब केंद्र की मोदी सरकार ने किसानो के हितो को देखते हुए तीनो कृषि बिलो को लागू किया तो पहले इन्ही किसान संगठनो ने इन कनूनो का स्वागत किया था परन्तु आज राजनैतिक कारणों एवं कुछ राजनैतिक दलों की सांठ गांठ के कारण इन कानूनों का विरोध कर रहे है ये वे राजनैतिक दल है जिन्होंने कभी किसान हितो के लिए स्वामीनाथन आयोग बनाया था परन्तु इनकी सिफारिसो को कभी लागू नहीं किया जब आज मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की लगभग सभी सिफारिसो को मानते हुए किसानो के हितो में तीनो कृषि बिलो को लागू किया तो वही राजनैतिक दल इन बिलो का विरोध करने लगे है क्योकि यह राजनैतिक दल एवं कुछ किसान संगठन कभी किसानो का हित नहीं चाह रहे थे सिर्फ राजनीती करना चाह रहे थे जिसको आज देश का किसान जान गया है. आज जब किसानो के मसीहा स्व. महेंद्र सिंह टिकैत जी का सपना पूरा हुआ तो कुछ राजनैतिक दलों ने पैसो के बल पर इनके बेटो को इन्ही के मांगो के खिलाफ खडा कर दिया जिससे इनके बेटे पैसे के लालच में आकर किसान हितैषी तीनो कृषि बिलो का विरोध करने लगे जबकि इनके बेटो ने पहले कृषि बिल स्वागत किया था आज स्व. महेंद्र सिंह टिकैत जी जीवित होते तो वो भी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह जी की तरह निर्णय लेकर अपने बेटो को अपना उत्तराधिकारी कभी नहीं बनाते वो तो उनकी अचानक मौत का फायदा उठा कर उनके बेटो ने किसान आंदोलन को राजनैतिक आंदोलन बनाकर किसानो का भला करने के नाम पर सीधा नुकशान कर रहे है एवं स्व. महेंद्र सिंह टिकैत जी के नाम को बदनाम करने का काम कर रहे है जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है परन्तु राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन इनके मंसूबो को कभी सफल नहीं होने देगी इनके खिलाफ देश भर में आंदोलन चलाएगी।
परमीन जहाँ संवाददाता अवध की आवाज़ लखनऊ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *