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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के संबंध में सभी मंत्रीगणों तथा विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।

– बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री जी के समक्ष मौजूदा बजट के अंतर्गत अब तक जारी स्वीकृतियों एवं खर्च का लेखा-जोखा रखा गया।

– बैठक में 500 करोड़ से अधिक के सालाना बजट वाले 27 विभागों के मंत्री और अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गणों के साथ समीक्षा की

लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 की विभीषिका के बीच उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता के जीवन और जीविका की सुरक्षा कर पाने में हम सफल रहे हैं, यह हमारे लिए सन्तुष्टि का विषय है।

– युवाओं को रोजगार से जोड़ने के हमारे प्रयास सफल रहे हैं। यह क्रम सतत जारी रहे। कोई भी सरकारी नीति अथवा नई योजना शुरू करने में रोजगार सृजन को आवश्यक तत्व के रूप में रखा जाए।

– विभागीय मंत्री अपनी विभागीय प्रगति से जनता को अवगत कराएं। हमारी जवाबदेही जनता के प्रति है। प्रभारी मंत्रीगण अपने तय जनपदों में नियमित भ्रमण करते रहें, योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें। विभागीय मंत्री नियमित अंतराल पर केंद्रीय मन्त्रालयों से संपर्क करते रहें।

– नए बजट के केंद्र में लोककल्याण की भावना ही होगी। यह कार्य तेजी से जारी है।

– सभी विभाग शत-प्रतिशत उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजना सुनिश्चित करें। केंद्र से सामंजस्य स्थापित कर अवशेष धनराशि प्राप्त करें।

– सौभाग्य अथवा दीनदयाल उपाध्याय योजना के जरिये विद्युतीकरण के अधूरे कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए। कार्यदायी संस्थाओं का बकाया न रहे। इसकी सतत समीक्षा की जाए।

– उपभोक्ताओं की सुविधा हमारा लक्ष्य है। ओवरबिलिंग और स्मार्ट मीटर से जुड़ी की शिकायतें बन्द हों। मीटर रीडरों की भी जवाबदेही तय हो। साथ ही, जिनसे बिजली खरीद रहे हैं, उनका समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

– मीटर रीडरों का पोर्टल बनाया गया है। अब वह सभी जीपीएस की जद में हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि फर्जीवाड़ा न हो।

– शासकीय विभागों के बकाया बिजली बिल के भुगतान की एकीकृत व्यवस्था हो।

– कम्युनिटी टॉयलेट, ग्राम सचिवालयों के कार्यों में तेजी लाई जाए।

– पीडब्ल्यूडी में जिस कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत हों, खर्च भी उसी में हो। ओवरस्टीमेट की समस्या तत्काल खत्म की जाए।

– इंडो-नेपाल बॉर्डर सामरिक रूप से हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस क्षेत्र की सड़कों से जुड़ी परियोजनाएं शीघ्रता से पूरी की जाएं। विशेषज्ञों की मदद लें।

– सरयू नहर परियोजना और मध्य गंगा परियोजना को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।

– पीएम आवास योजना के तहत लाभार्थियों का चिन्हांकन कर उन्हें मकान दिलाया जाए। ‘हाउसिंग फ़ॉर ऑल’ सरकार की प्रतिबद्धता है। आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मकानों की मांग का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजें।

-प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों और शासकीय सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की बड़ी प्रतिष्ठा रही है। वर्षों पुराने इन कॉलेजों में कई के भवन जर्जर हैं।विस्तृत कार्ययोजना बनाकर भवनों का जीर्णोद्धार कराया जाए। कॉलेजों के पुरातन छात्र परिषदों को सहयोग के लिए प्रोत्साहित करें।

– संस्कृत विद्यालयों में जब तक स्थायी शिक्षक न आएं तब तक अस्थायी व्यवस्था की जाए।

-बेसिक शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण। प्रदेश में बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। इन प्रयासों को और गति प्रदान करें।

– स्मार्ट सिटी योजना को गति को तेज किए जाने की जरूरत है। कतिपय स्थानीय समस्याओं के निराकरण में अधिकारी तत्परता से कार्य करें।

– शासन की नीतियों के अनुरूप जो भी इंसेंटिव विभिन्न संस्थाओं को जारी करने हैं, उसमें कतई देर न हो। यह शासन की जिम्मेदारी है कि अपने कहे अनुसार समयबद्ध ढंग से लोगों को उनके निवेश का सही लाभ प्राप्त कराए। ऐसे कार्यों की सतत समीक्षा भी की जाए।

– शहरी आजीविका मिशन का लाभ अधिकाधिक नागरिकों को मिले, इसके लिए विभागीय स्तर पर विशेष प्रयास की जरूरत है।

– प्रदेश सरकार हर नागरिक को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए संकल्पित है। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में चल रहा ‘जल जीवन मिशन’ जनहित के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी सतत समीक्षा की जाए। इसके साथ ही, ‘नमामि गंगे’ परियोजना के कार्यों को प्राथमिकता के साथ कराए जाने की आवश्यकता है।

– गंगा एक्सप्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है। इसे तत्परता के साथ किये जाने की जरूरत है।

– वृद्धावस्था पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिले। पहले से लाभ उठा रहे लोगों की पात्रता जांची जाए। कोई भी जरूरतमंद न योजनाओं से वंचित न रहे।

– पराली प्रबंधन और सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए समन्वित कार्ययोजना बनाये जाने की जरूरत है। पराली प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की सहायता भी प्राप्त हो रही है।

– प्रदेश सरकार सभी 75 जनपदों में मेडिकल कॉलेजों स्थापना के लिए काम कर रही है। जिन 13 जनपदों में स्थापना प्रस्तावित है, वहां यथासम्भव शिलान्यास का कार्य कराया दिया जाए।

कृषि की उन्नति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकार प्रतिबद्धतापूर्वक कार्य कर रही है। किसान हितों के संरक्षण वाली सभी योजनाएं शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। प्रदेश में स्प्रिंकलर और खेत-तालाब योजना और सोलर पंप स्थापना के कार्यों को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है।

– आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के लिए भूमि चयन शीघ्रता से पूरा कर लिया जाए।

– एयर कनेक्टिविटी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होने की ओर अग्रसर है।मुरादाबाद, सहारनपुर, श्रावस्ती एयरपोर्ट के लाइसेंसिंग की प्रक्रिया चल रही है। चित्रकूट, ललितपुर और अयोध्या एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया प्राथमिकता के साथ शुरू किया जाए।
*अन्य खास बातें*

– वित्तीय वर्ष 2020-21 में नियोजन विभाग में विभागों से प्राप्त अद्यतन सूचना के अनुसार कुल मिलाकर ₹536217.74 करोड़ की आय-व्ययक प्राविधान के सापेक्ष शासन स्तर से 381586.78 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृतियां जारी हुई हैं, जो 712 प्रतिशत हैं।

– शासन द्वारा निर्गत स्वीकृतियों ₹381586.78 करोड़ के सापेक्ष कुल ₹326172.40 करोड़ की धनराशि विभागाध्यक्ष द्वारा आवंटित की गयी हैं जो 85.5 प्रतिशत है।

– भारत सरकार को कुल मिलाकर ₹94778.90 करोड के उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे जाने थे, जिसके सापेक्ष ₹81369.50 करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किए गए हैं, जो 85.8 प्रतिशत है।

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