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मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजनारू गोरखपुर में 03 योजनाओं के लिए 02 करोड़ 15 लाख स्वीकृत

श्रद्धालुओं को नजदीक पर्यटन विकल्प देने पर राज्य सरकार का विशेष ध्यान : जयवीर
लखनऊ। मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत गोरखपुर में तीन धार्मिक स्थलों पर बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए 02 करोड़ 15 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत किया है। स्वीकृत धनराशि का 50 प्रतिशत-राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज बताया कि विधानसभा क्षेत्र सहजनवा में भूलेश्वरनाथ मंदिर, चौरी-चौरा क्षेत्र स्थित प्राचीन काली माता मंदिर और खजनी क्षेत्र स्थित महोदवा मंदिर का पर्यटन विकास किया जायेगा। ये तीनों प्राचीन धार्मिक स्थल हैं। विभिन्न अवसरों पर दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। खासतौर से विधानसभा खजनी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध देवा मंदिर की बड़ी मान्यता है। इस मंदिर के पर्यटन विकास पर 84.15 लाख रूपये व्यय किये जायेगे। स्वीकृत धनराशि का 50 प्रतिशत राज्य सरकार और 50 प्रतिशत स्थानीय विधायक द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। इसी तरह विधानसभा क्षेत्र चौरी चौरा में काली माता मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 67.35 लाख रूपये स्वीकृत किये गये हैं। इसमें भी 50 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार द्वारा तथा 50 प्रतिशत धनराशि स्थानीय विधायक द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। भूलेश्वरनाथ मंदिर के लिए 63.13 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। यह भी मंदिर अतिप्राचीन है। विभिन्न अवसरों पर यहां पर मेले का आयोजन होता है और दूर-दराज से लोग दर्शन पूजन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधायें सुलभ कराने के लिए यह धनराशि व्यय की जायेगी।यूपी में धार्मिक पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ रहा है, इसको दृष्टिगत रखते हुए प्राचीन धरोहरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के तहत जनप्रतिनिधि, सक्षम व्यक्ति, संस्था व संगठन भी प्रस्तावक हो सकते हैं। प्रस्ताव पर खर्च होने वाली राशि का 50 प्रतिशत सरकार और 50 प्रतिशत व्यक्ति या संस्था देगी। इसी तरह जनप्रतिनिधियों की ओर से भी जो प्रस्ताव आएंगे, उसमें भी सरकार 50 प्रतिशत राशि देगी और 50 प्रतिशत जनप्रतिनिधि को देने होंगे। योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा में सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थल का चयन या अल्पज्ञात पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर उसे उच्चस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोग भ्रमण के लिए निकलें। ऐसा तब होगा जब लोगों के नजदीक पर्यटन के विकल्प उपलब्ध होंगे। इसी उद्देश्य से सभी विधानसभा क्षेत्रों में पर्यटन स्थल विकसित करने की तैयारी है। इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।गोरखपुर ऐतिहासिक तथा धार्मिक विरासत के लिए पहले से ही विख्यात है। अध्यात्मिक एवं धार्मिक पर्यटन की इस जनपद में असीम संभावनायें हैं। अयोध्या के समीप होने के कारण श्रद्धालुओं की पसंदीदा गन्तव्य स्थल है।

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