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राजधानी में लगी लोकतंत्र की पाठशाला

छात्रों को लोकतंत्र के मूल्यों, अपनें संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताया गया
लखनऊ। लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के तहत लखनऊ के विभिन्न इंटर कालेजों, डिग्री कालेजों और विश्वविद्यालयों में “लोकतंत्र की पाठशाला” लगानें की शुरुआत शनिवार को गोमती नगर स्थित टीडी गर्ल्स इंटर कालेज में हुई। जिसमें छात्रों को लोकतंत्र के मूल्यों, अपनें संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताया गया। पाठशाला में लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के संयोजक प्रताप चन्द्रा नें बताया कि लोकतंत्र का मूल अवसर की समता और जवाबदेही है। आज़ादी के बाद तय हुआ था कि जनता का जनता के लिये और जनता द्वारा चलाया जानें वाला लोकतंत्र होगा, परन्तु कालांतर की चुनावी प्रक्रिया नें इसे बदल कर न सिर्फ पुनः ईस्ट इण्डिया कंपनी की तरह निकाय, संगठनों नें देश की सत्ता चलानी शुरू की अपितु मिले लोकतंत्र को अगवा कर अपने सोच, विचार और फैसले को जनता पे थोपना शुरू कर दिया जिसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है परन्तु जिसे जनता नें ये कह कर हरा दिया कि आप सदन में नहीं जानें लायक है, फिर जनता से ऊपर कौन और कैसे हो गया जो निचली सदन में हारनें वाले को उच्च सदन राज्यसभा में बैठा देता है, फिर जनता मालिक कहाँ रही, इसीलिए लोकतंत्र को आज़ाद कराने की जरुरत है जिससे सरकारें जनता के प्रति जवाबदेह हो सकें।
एएफटी बार एसोसिएशन के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेय नें कहा कि लोक-तंत्र में नागरिक अपनी समस्या के समाधान हेतु अपना जन-प्रतिनिधि चुनता है और अपेक्षा करता है कि उनका जन-प्रतिनिधि उनकी समस्याओं के लिए जवाबदेह होगा परन्तु चुना हुआ जन-प्रतिनिधि के बजाये दल-प्रतिनिधि बन जाता है और जनहित के बजाये जनहित में काम करनें लगता है और जवाबदेही बदलकर दल के प्रति हो जाती है।
समाजसेवी एम् एल गुप्ता नें बताया कि आज लोकतंत्र पर पार्टीतंत्र इस कदर हावी हो चुकी है कि विरोध की स्वीकारता नहीं बची, दिल्ली का जंतर-मंतर खाली कराकर कोई अन्य जगह न देना इसका प्रमाण है। टीडी गर्ल्स इंटर कालेज के प्रबंधक एम पी यादव नें कहा कि लोकतान्त्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों को जानना आज की आवश्यकता है, आज सोशल मीडिया के जमानें में छात्रों को न सही जानकारी मिल पाती है और न ही वो जानने के लिए समय निकलते हैं ऐसे में कालेजों का और भी दायित्व बढ़ जाता है छात्रों को उनके अधिकारों और लोकतान्त्रिक मूल्यों को बतानें का जिसके लिए “लोकतंत्र की पाठशाला” अभियान बिलकुल उपयुक्त कदम है।
पाठशाला को टीडी गर्ल्स इंटर कालेज की प्रिंसिपल लक्ष्मी सिंह नें छात्रों को संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को बताते हुए कहा कि जब अधिकार मिलता है तो साथ ही हमें कर्तव्य भी निभाना होता है जो महत्वपूर्ण है।

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