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लोक निर्माण विभाग के डिप्लोमा इंजीनियर्स करेंगें आन्दोलन

अव्यवहारिक आदेश और लम्बित मांगों से बढ़ा असंतोष
लखनऊ(यूएनएस)। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ जनवरी 2021 से अब तक लगभग 21 पत्र विभागाध्यक्ष को लिखकर डिप्लोमा इंजीनियर्स की जायज मांगों के निस्तारण की मांग कर रहे है। विभागीय स्तर पर अव्यवहारिक और तानाशाही पूर्ण निर्देश निर्गत किए जाने से अवर और सहायक अभियंता नाराज है। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने गड्ढा मुक्ति और विशेष मरम्मत कार्यो के लिए काफी आन लाईन तो कभी आनलाइन आगणन मांगे जाने तथा आगामी पॉच अक्टूबर को सम्बधित साइट पर अवर अभियंता और सहायक अभियंताओं को वीडियों कालिंग के निर्देश से यह आक्रोष और बढ़ गया है। इसके चलते संघ के प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी, महामंत्री इं. प्रकाशचंद्र, उपाध्यक्ष इं. श्रवण कुमार, इं. सत्येन्द्र कुमार त्रिपाठी सहित प्रदेश कार्यकारिणी ने विभागाध्यक्ष को नोटिस देकर आन्दोलन की घोषणा कर दी है। महामंत्री इं. प्रकाश चन्द्र ने बताया कि अगर दस अक्टूबर को प्रतिनिधि मण्डल से वार्ता के बाद समस्याआंें का निस्तारण नही किया गया तो 11 अक्टूबर को जनपद स्तर पर एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। संघ की तरफ से 17 अक्टूबर को पुनः वार्ता के उपरान्त मांगों का निरस्तारण न होने पर 18 अक्टूबर 23 को मण्डल मुख्यालय पर एक दिवसयी धरना दिया जाएगा। संघ की कार्यकारिणी पुनः 26 अक्टूबर को संघ स्तर पर वार्ता के पश््चात प्रमुख अभियंता,विभागाध्यक्ष से वार्ता करेगी। अगर नियमानुसार समस्याओं का समाधान नही होता तो 27 को प्रमुख अभियंता विभागाध्यक्ष कार्यालय के समक्ष धरना दिया जाएगा। इसी दिन समस्याओं के समाधान न होने पर सायं 5 बजे उच्चाधिकार समिति की धरना स्थल पर बैठक कर कार्यबहिष्कार और हड़ताल की घोषणा की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि कि विभाग द्वारा आगणन गठन, गड्ढ़ा मुक्ति, विषेष मरम्मत इत्यादि के सम्बन्ध में लगातार अव्यवहारिक एवं तानाषाही आदेष निर्गत किये जा रहे है जिससे खण्डीय अवर अभियंता,सहायक अभियन्ता अत्यधिक परेषान हैं। इन विरोधाभाषी आदेषों के द्वारा न केवल समय अभियंता संवर्ग का समय जाया हो रहा है अपितु विभागीय संसाधनों का भी अपव्यय हो रहा है। इसके अतिरिक्त इन आदेषों के कारण सरकार की डिजीटल एवं पारदर्षी कार्य प्रणाली विकसित करने सम्बन्धी नीति का भी उल्लंघन हो रहा है। विभाग की छवि खराब हो रही है। तथा खण्डीय अवर अभियन्ताओं एवं सहायक अभियन्ता का मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक शोषण हो रहा है जिससे प्रदेष के अवर अभियन्ता,पदोन्नत सहायक अभियन्ता अत्यधिक तनाव में हैं। इसके अतिरिक्त अवर अभियन्ता संवर्ग की कई ज्वलंत समस्यायें लम्बित हैं। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ द्वारा इन समस्याओं को समय-समय पर आपके संज्ञान में लाया गया परन्तु दुर्भाग्य है कि इन लम्बित समस्याओं का निराकरण,समाधान नही हो सका है जिससे सदस्यों में व्यापक आक्रोष व्याप्त है। विभागाध्यक्ष को प्रेषित बीस सूत्रीय मांग पर में मुख्य मांगो में परिवाद वर्ग में वर्षो से लम्बित प्रकरणों का निस्तारण संघ द्वारा बार-बार अनुरोध,पत्राचार के पष्चात भी नही किया गया। पदोन्नति के सम्बन्ध में अधियाचन जून माह में शासन को प्रेषित कर दिया जायेगा। परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी तक अवर अभियन्ता सिविल,प्राविधिक,विद्युत,यॉत्रिक) से सहायक अभियन्ता सिविल,विद्युत,यॉत्रिक) की पदोन्नति हेतु अधियाचन आयोग को प्रेषित नही किया गया है। एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के उपरान्त भी ऑन लाइन आगणन तैयार करने हेतु विभाग द्वारा निर्मित स्टीमेटर एप्प आगणन तैयार करने में सक्षम नही है। प्रायः वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से मुख्यालय स्तर से निर्देष मुख्य अभियन्ताओं को निर्गत किया जाता है। निर्देष मौखिक होने के कारण खण्ड स्तर तक पहुॅचते-पहुॅचते कई भ्रान्तियां हो जाती है, जिससे खण्ड स्तर पर अभियन्ता निर्देषों का यथावत पालन नही कर पाते। कतिपय अवर अभियन्ताओं सिविल,प्राविधिक,विद्युत,यॉत्रिक) के स्थाईकरण के प्रकरण वर्षो से लम्बित है।2016 बैच तक के अवर अभियंता (सिविल) की अनन्तिम ज्येष्ठता सूची अभी तक निर्गत नही की गयी है। वित्तीय स्तरोन्नयन के कई प्रकरण प्रमुख अभियंता कार्यालय में लम्बित है।

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