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लोहिया अस्पताल ने फिर लील ली गर्भस्थ शिशु की जान, रक्तस्राव से पीड़ित गर्भवती को धंटों बाद किया एडमिट

रंजीव ठाकुर
लखनऊ । राजधानी में एक बार फिर सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही और उदासीनता ने एक बच्चें को जन्म से पहले ही मौत की गोद में सुला दिया है । पहले से ही कई बार आलोचना का शिकार हो चुके लोहिया अस्पताल ने एक बार फिर ऐसी हैवानियत का परिचय दिया है जिससे कि मानवता शर्मसार हो गयी है । गाजीपुर जनपद के एक गॉव के निवासी राजू कश्यप गर्भवती पत्नी मीना कश्यप को ज्यादा रक्तस्राव होने पर गॉव के प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले कर गये जहॉ से उन्हे मरीज की संवेदनशील स्थिति को देखते हुए लखनऊ के लोहिया अस्पताल रिफर कर दिया गया । शनिवार को सुबह लगभग पौने सात बजे राजू ब्लीडिंग होती पत्नी को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचे । सात बजे से लगातार राजू व उनकें परिवार वाले डॉक्टरों और स्टाफ की मिन्नते करते रहे परंतु लोहिया के कर्मचारियों के कानों पर जूं तक न रेंगी । गर्भवती मीना के साथ आई पूजा राजपूत डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाती रही कि मरीज को कल से रक्तस्राव हो रहा है और इसके पेट में बच्चा अभी जिन्दा है पर अस्पताल ने एक न सुनी । कभी बेड खाली न होने की बात तो कभी डॉक्टरों के खाली न होने की बात करते हुए गंभीर मरीज को टरकाया जाता रहा । जैसे तैसे अपराहन् 11 बजे मीना को भर्ती कर तो लिया गया परंतु जांचों के नाम पर इधर उधर दौड़ाते रहे । शाम को चार बजे मीना ने नार्मल डिलीवरी से बच्चें को जन्म दिया परंतु अत्यधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण बच्चें की मृत्यु हो चुकी थी । तड़फती मीना के साथ परेशानहाल परिवार का रो रो कर बुरा हाल हो गया था। मीना और राजू का परिवार लोहिया अस्पताल के स्टाफ की बदतमीजियों से उतना आहत नहीं हुआ जितना आहत उस परिवार को बच्चें की मृत्यु ने कर दिया । लोहिया अस्पताल पर बच्चें की जानबूझ कर जान ले लेने का आरोप लगातें हुए परिजन विलाप करने लगे । सोमवार को मीना की स्थिति में सुधार न होने के वाबजूद उसे जबरन लोहिया अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है जिससे कि मामले की लीपापोती कर कार्यवाही से बचा जा सके । मानवता को शर्मसार कर देने वाली ये घिनौनी हरकत सरकारी अस्पतालों का चरित्र बन चुकी है । इन अस्पताल कर्मियों की आंखों पर बेशर्मी की ऐसी पट्टी बंधी है कि बिना सुविधा शुल्क लिये ये सरकारी नौकर किसी की भी जान से सरेआम खेल लेते है और बेदाग हो कर कार्यवाही से बच निकलते हैं ।

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