लखनऊ (यूएनएस)। नवाबों का शहर लखनऊ अपनी खूबसूरत मस्जिदों, इमामबाड़ों,दरगाहों और तहजीब के लिए मशहूर है। यहां की बोली में अपनापन और खास तरह की मिठास है। हिन्दू हो या मुसलमान सभी एक दूसरे के त्योहारों में शिरकत करते हैं। इन दिनों रमजान का पाक महीना चल रहा है। रोजे के इस महीने में टोपियों और खजूर की बात न हो यह हो ही नहीं सकता। लेकिन इस बार भारत और पाकिस्तान के तनाव ने रोजेदारों की पसंदीदा पहनावा पाकिस्तानी टोपियों पर भी असर डाला है। लखनऊ के रोजेदारों की पहली पसंद पाकिस्तानी टोपी है। इसी को पहन कर वह नमाज अदा करते हैं। लेकिन इस बार भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से पाकिस्तानी टोपियों की खेप उत्तर प्रदेश के बाजारों में नहीं पहुंच सकी। जिसकी वजह से रोजेदार अजमेरी, मलेशियन और अफगानी टोपियों से काम चला रहे हैं। लखनऊ के नजीराबाद,अकबरी गेट चैक, अमीनाबाद, नक्खास,मौलवीगंज जैसे पुराने बाजारों में ठेलो और दुकानों पर रंग बिरंगी टोपियों सजी मिल जाएंगी। इन बाजारों में लखनऊ के अलावा आसपास के जिलों के भी रोजेदार कम दामों पर अपनी मनपसंद टोपियां खरीदने आते हैं। रमजान के महीने में नयी टोपी खरीदने का रिवाज है। नमाज अदा करते समय सिर पर टोपी होनी ही चाहिए। कुर्ते,सूट से मिलती-जुलती टोपियां चार चांद लगा देती हैं। बच्चों और युवाओं को जहां रंगीन टोपियां लुभा रही है वहीं अधेड़ और बुजुर्गों को सफेद रंग की टोपियां खूब भा रही हैं। रोजेदारों के लिए लखनवी, रामपुरी अजमेरी और हैदराबाद की निजामी टोपियां खूब बिक रही हैं। दुकानों में विदेशी टोपियां भी मौजूद हैं। इनमें लाहौरी,ओमानी, मलेशियन, अफगानी, इंडोनेशियन, रूसी और टर्की के अलावा चीन की बनी टोपियां खूब बिक रही हैं। लखनऊ की बनी टोपियां भी इबादत में चार चांद लगा रही हैं। पाकिस्तानी टोपी साइज और बनावट में परफेक्ट होती है। एक बार इसको सिर पर रखने के बाद बार-बार यह देखने की जरुरत नहीं होती की कहीं यह गिर तो नहीं गई । इसके साथ ही इसको बहुत ही कारीगरी से तराशा जाता है। इसकी नक्काशी देखने के लायक होती है। टोपी पर की कढ़ाई मन को लुभा लेती है। लेकिन इस बार लखनऊ के बाजारो में पाकिस्तानी टोपियों की कमी महसूस हो रही है। अमीनाबाद के व्यापारी अकील अहमद ने बताया कि 5 रूपये से लेकर 800 रुपये तक की टोपियां उपलब्ध हैं। गर्मी को देखते हुए जालीदार टोपी भी हैं। यह उमस और गर्मी से राहत देती हैं। इनकी कीमत 20 रूपये से 70 रूपये तक है। इसके अलावा दमिश्क, बांग्लादेशी, चाइनीस, अफगानिस्तान और टर्की की टोपियां 35 रूपये से लेकर 950 रूपये में उपलब्ध हैं। 150 रूपये से 400 रूपये तक में उपलब्ध अरबी रुमाल की मांग भी बहुत अधिक है।