लखनऊ। इंदिरानगर जैन मंदिर में दशलक्षण पर्व में मंगलवार को भगवान का प्रथम अभिषेक एवं शांतिधारा सुदर्शन जैन, ललित जैन को प्राप्त हुआ। जैन समाज के मंत्री अभिषेक जैन ने बताया कि आज के दिन प्रत्येक जैन धर्मावलम्बी कुछ न कुछ दान अवश्य निकलता है। इसी क्रम में पिछले 21 वर्षों से जनमानस के लिए मन्दिर में चल रहे धर्मार्थ औषधालय के लिए भक्तों ने दिल खोल कर दान दिया एवं प्राणी मात्र को आरोग्य करने का संकल्प लिया। ब्रह्मचारी श्रीपाल जी ने बताया की दान चार प्रकार का होता है। औषधि, शास्त्र, अभय और आहार। ओषधि दान सर्वोपरि है। आरती थाल सजाओ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसने देवांशी जैन को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस अवसर पर शिप्रा जैन, अपर्णा जैन, कंचन जैन उपस्थित रहीं