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जन सुविधा पोर्टल पर भी शहरवासियों को दर्द दे रहा नगर निगम

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी उम्मीद से जनता की सुनवाई के लिए ‘जनसुनवाई पोर्टल’ का शुभारम्भ किया था। इस पोर्टल से जनता को अपनी शिकायतें निस्तारित होने की उम्मीद जागी थी। लेकिन ये पोर्टल शुरुआत में तो ठीकठाक चला लेकिन अब अधिकारी शिकायतों में फर्जी और झूठी रिपोर्ट लगाकर समस्याओं का निस्तारण कर रहे हैं। यही हाल नगर निगम के नगर निगम के जन सुविधा पोर्टल (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) का हो गया है। इस पोर्टल पर भी दर्ज शिकायतों का फर्जी निस्तारण करने का मामला प्रकाश में आया है, लेकिन जिम्मेदार आंखे बंद करके बैठे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, अनूप श्रीवास्तव सीनियर पीसीएस अधिकारी हैं। जगरानी हॉस्पिटल के पास स्थित कमला नेहरू नगर में घर के सामने लगी रोड लाइट ठीक कराने को नगर निगम के जन पोर्टल पर जून में शिकायत दर्ज कराई थी। लाइट तो ठीक नहीं हुई लेकिन उनके मोबाइल नंबर पर लाइट ठीक होने का मैसेज आ गया। उन्होंने फिर फीड बैक दिया कि लाइट ठीक नहीं हुई, लेकिन फिर लाइट ठीक होने का मैसेज आ गया। हारकर उन्होंने मेयर को ट्वीट किया। ‘संयुक्ता भाटिया जी, मेरे घर के सामने एक माह से स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही है। ऑनलाइन कंपलेंट की तो 484235 नंबर मिला। जेई का फोन नंबर 9415007658 बताया गया। लाइट तो ठीक नहीं हुई लेकिन ठीक होने का मैसेज आ गया। जेई का फोन नंबर भी गलत बता रहा है। कार्रवाई की जरूरत है। प्लीज।’ पारा निवासी गोपेंद्र शुक्ला ने 31 मई को यह शिकायत दर्ज कराई थी कि पारा सेंट मेरी स्कूल के पास रास्ता खराब है। सड़क बनाने की मांग की थी। जवाब यह दिया गया कि नगर निगम अपने समिति संसाधनों से ही कुछ कार्य कराता है। वर्तमान में नगर निगम की वित्तीय स्थिति ठीक न होने से कार्य कराने में कठिनाई होगी। मड़ियावं के श्रीनगर निवासी राधेश्याम ने रोड लाइट ठीक कराने के लिए अनुरोध किया था। 12 जुलाई को दर्ज शिकायत पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने छह सितंबर को फीडबैक दिया कि लाइट ठीक नहीं हुई। जवाब में कहा गया कि ईईसीएल (एलईडी लाइट लगाने वाली कंपनी) द्वारा सोडियम व ट्यूब लाइट के बदले एलक्ष्डी लाइटें लगाई जा रही हैं। हालांकि यह नहीं बताया कि लाइट कब तक ठीक होगी। पीजीआई इलाके के निलमथा निवासी इंदरपाल गंगवार भूतपूर्व सैनिक हैं। अपने आवास का हाउस टैक्स जमा कराने के लिए जब जोनल कार्यालय-आठ से कोई मदद नहीं मिली तो उन्होंने जन सुनवाई पोर्टल पर अपनी बात रखी। उन्हें शिकायत नंबर 40015718030798 दिया गया। वह हाउस टैक्स से जुड़े सभी कागज भी नगर निगम के जोनल कार्यालय आठ में दे चुके हैं लेकिन हाउस टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है। पांच सितंबर को फीड बैक कालम में अपनी पीड़ा इंदरपाल ने लिखी। कहा कि नगर निगम टैक्स भी नहीं जमा करना चाहता है। इस पर छह सितंबर को नगर निगम की तरफ से रिपोर्ट लगाई गई कि जोनल अधिकारी-आठ की तरफ ने निरीक्षण कर लिया है, जिसमें भवन स्वामी रह रहे हैं। भवन कर निर्धारण किया जा सकता है और नगर निगम ने शिकायत को निस्तारित कर दिया लेकिन छह सितंबर की निस्तारण रिपोर्ट के बाद अभी तक भवन का कर निर्धारण नहीं हो पाया है। नगर निगम के जन सुविधा पोर्टल (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) से यह दर्द शहर के उन लोगों का है, जो अपने इलाके की शिकायतों को नगर निगम के पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करा रहे हैं। हर शिकायत पर यही जवाब चला जाता है कि निस्तारित हो गई या फिर बजट होने पर काम कराया जाएगा? बजट कब तक होगा? यह भी बताया नहीं जाता है। शिकायतें एक दूसरे अधिकारी व विभाग की बताकर उसे लंबित रखा जाता है। 

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