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पेड़ों के कारण ही पानी होता है : जग्गी वासुदेव

नदियों के साथ सेल्फी ले, आने वाला कल हमें सेलफिश न कहे : सद्गुरू जग्गी वासुदेव
रैली फार रीवर पहुंची लखनऊ
लखनऊ। सद्गुरू जग्गी वासुदेव की कोयम्बतूर से निकली रैली फार रीवर के राजधानी पहुंचने पर मंगलवार को कानपुर रोड़, एलडीए कालोनी स्थित अम्बेडकर सभागार में वृहद स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में साउण्डस आफ ईशा फाउन्डेशन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तथा केशव मौर्य, मंत्री क्रिकेटर सुरेश रैना, गायक मोहित चौहान, टीवी कलाकार राजेश कुमार शामिल रहे। इस अवसर पर बच्चों को सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि सदगुरु नदियों को बचाने के लिए रैली फार रीवर का आयोजन कर रहे हैं और स्वयं गाड़ी चलाते हुए कर्नाटक से आ रहे हैं और यहां से रैली जयपुर, चंडीगढ़, अमृतसर, हरिद्वार होते हुए दिल्ली पहुंचेगी जहां इस अभियान का समापन होगा। सद्गुरू जग्गी वासुदेव की इस मुहिम को देश भर में व्यापक स्तर पर समर्थन प्राप्त हो रहा है। 16 राज्यों, कन्याकुमारी से त्रिचुरापल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, विजयवाड़ा, हैदराबाद, महाराष्ट्र, गुजरात, इंदौर, भोपाल होते हुए लखनऊ पहुंचे हैं। नदी बचाने के लिए सदगुरु ने 80098009 फोन नम्बर पर मिस काल अभियान भी चला रखा है। क्रिकेटर सुरेश रैना ने नदी अभियान की प्रशंसा करते हुए सद्गुरू जग्गी की सराहना करते हुए सभी से जुड़ने की अपील की। उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि ये अभियान मानव कल्याण के लिए चलाया गया है और जल, जंगल तथा जमीन जीवन के लिए आवश्यक है। सद्गुरू और रैली फार रीवर का उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक धरा पर स्वागत है। जल संरक्षण पर बल देते हुए उन्होंने इजरायल का उदाहरण दिया और जल बचाने की अपील की। जैसे हमने धर्म को अपनी संस्कृति से जोड़ा है वैसे ही मां स्वरूपी नदियों को बचाने का हमें संकल्प लेना है। सद्गुरू जग्गी वासुदेव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संवाद शुरू किया। सद्गुरू का स्वागत करते हुए आश्वस्त किया कि जीव सृष्टि को बचाने के लिए शुरू किए नदी बचाओ अभियान को शासन के साथ साथ जन-मानस को भी जुड़ने की आवश्यकता है। 2019 में होने वाले कुम्भ का उदाहरण देते हुए नदियों के संरक्षण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नदियां अपने पुराने स्वरूप में नहीं बची है और ये एक चुनौती है। वैज्ञानिक सोच संकीर्णता पैदा कर रही है और हम शुद्ध पेयजल को तरस रहे हैं। प्रदूषित गोमती, गंगा, हिण्डन की बात करते हुए कहा कि हमें अपने दृष्टिकोण बदलने होंगे। नदियों को बचाने का अभियान उत्तर प्रदेश में शुरू कर चुकने की बात बतातें हुए कहा कि गोमती को मूल प्रवाह से बचाया जाएगा और गंगा तथा सहायक नदियों के संरक्षण का काम शुरू कर दिया गया है। औद्योगिक कचरे और नालों को शोधन करने का काम अर्द्ध कुम्भ से पहले पूरा हो जाएगा। गंगा के किनारे 1 करोड़ 30 लाख पेड़ लगाए जा चुके हैं। वन महोत्सव में 6 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं और यूकेलिप्टस की जगह औषधीय वृक्षों तथा अन्य लाभदायक पेड़ों का वृक्षारोपण किया गया है। रैली फार रीवर्स की सराहना करते हुए शुभकामनाएं प्रदान की। सद्गुरू जग्गी वासुदेव ने कहा कि ये पहली बार है कि दो योगी मंच पर है। योगी या सन्यासी का काम समाज और पर्यावरण की रक्षा करना है। आजादी के बाद हमें टूटे हुए राज्य और अर्थव्यवस्था मिली। देश पिछड़ा हुआ था और गरीबी थी। पचास सालों में हम धीरे-धीरे विकसित होते गए और पिछले बीस सालों में स्थाई हो चुके हैं। केन्द्र और प्रदेश सरकारों ने जनता के साथ मिल कर पौलिसी बनाई है पर हमें समझना होगा कि नदियां हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और अब ऐसी पौलिसी बनानी होंगी। सभी राजनैतिक दल इच्छाशक्ति के साथ नदियों को बचाने के लिए आगे आए और राष्ट्रीय कार्य करने की योजना बनाए। उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है और खेती के लिए बहुत बड़ा योगदान देता है। गंगा की बात करते हुए जग्गी वासुदेव ने कहा कि गंगा बेसिन पिछले 17 सालों में लगातार घटता गया और 79% तक सिकुड़ गया है। पिछले सालों में 30 हजार किसानों ने आत्महत्याएं की है और इतने लोग तो दोनों विश्वयुद्धों में भी मारे नहीं गए हैं। पहले हमें समस्या को समझना चाहिए फिर समाधान की बात करें। वृक्ष वर्षा के जल को धरती में रोके रहते हैं और जल को धीरे धीरे नदियों में जाने देते हैं जिससे नदियां साल भर बहती है। सोच बदलने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि पानी से पेड़ नहीं बल्कि पेड़ों से पानी का अस्तित्व होता है। मिस काल करने की अपील करते हुए सदगुरु ने कहा कि पूरे देश को पानी चाहिए और हमारे कल को भी पानी चाहिए। पीएम मोदी, क्रिकेटर विराट कोहली का उदाहरण देते हुए कहा कि देश में हर व्यक्ति अपना काम कर रहा है और देश पब्लिक की वजह से है राजनेताओं या सेलेब्रिटी से नहीं, इसलिए हम सबको मिलकर नदियों को बचाना है। इस ग्रह पर हमने जन्म लिया है और हमें हवा तथा पानी दोनों चाहिए जिससे कि यह ग्रह बचा रह सके। आने वाली पीढ़ियों को देने के लिए हमारे पास क्या बचेगा, क्या हम अगली पीढ़ी को बताएंगे कि हम सेल्फी जेनरेशन थे या सेलफिश जेनरेशन ? हिन्दी में सीएम योगी से सवाल करते हुए जग्गी वासुदेव जी ने कहा कि उत्तराखंड और यूपी में गंगा को बचाने के लिए एक जैसा काम करना होगा, आपका क्या विचार है ? मुख्यमंत्री योगी ने जवाब देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने नमामि गंगा प्रोजेक्ट शुरू किया है और उत्तराखण्ड से बंगाल की खाड़ी तक गंगा संरक्षण का काम किया जा रहा है। हम दोनों राज्य मिल कर कार्य कर रहे हैं और बिहार सरकार भी हमारे साथ आएगी। जनभागीदारी से अभियान चलाने की बात करते हुए योगी ने कहा कि गंगा की अविरलता तथा निर्मलता के लिए हमें चिंता है और नमामि गंगा प्रोजेक्ट को सफल बनाएंगे। सद्गुरू जग्गी ने बताया कि 19 साल की उम्र में वह हिमाचल गए थे जहां सुंदर लाल बहुगुणा से मुलाकात हुई थी। ग्लेशियर तो प्राकृतिक के हाथों में है पर बाकी गंगा का हिस्सा हमारें हाथों में है। मुख्यमंत्री को विदा करने के बाद सद्गुरू बच्चों से मुखातिब हुए और उनके सवालों का जवाब दिया।    रंजीव

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