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अपना दल ने की कुलपति गिरिश चंद त्रिपाठी को तत्काल हटाने की माँग

लखनऊ |। अपना दल ने बीएचयू की छात्राओं पर हुए लाठी चार्ज की निंदा की और कहा है कि छात्राओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कुलपति गिरिश चंद त्रिपाठी को तत्काल हटाया जाए लाठी चार्ज की उच्चस्तरीय जांच सीबीआई से कराई जाए जिससे  बीएचयू की साख को बचाया जा सके और लाठी चार्ज कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।  दल के प्रवक्ता एडवोकेट आरबी सिंह पटेल ने प्रेस को दिए एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर अनियमितताओं को लेकर काफी समय से बीएचयू प्रशासन से मांग की जा रही थी लेकिन प्रशासन छात्राओं की मांग पर ध्यान नहीं दिया न ही सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद की। छात्राओं ने जब आंदोलित होकर अपनी मांग को लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत धरने के माध्यम से कुलपति महोदय को अवगत कराया तो कुलपति की भद्द टिप्पणी ने और पुलिसिया  कार्रवाई ने छात्राओं के आंदोलन को कुचलने का काम किया गया जो न्यायोचित नहीं था। केन्द्र और प्रदेश सरकार अगर छात्राओं के प्रति गंभीर होती तो ऐसी घटना नहीं होती लाठी से व्यवस्था नहीं बदलती सिर्फ दमन होता है। एक तरफ सरकार कहती है लड़की पढ़ाओं, लड़की बचाओं यह भी नारा इनका खोखला साबित हुआ। छात्राएं विरोध करें तो लाठी, शिक्षक विरोध करे तो लाठी, किसान विरोध करे तो लाठी, बेरोजगार विरोध करे तो लाठी, अभिभावक विरोध करे तो लाठी सरकार के संज्ञान में होना चाहिए लाठी समाधान नहीं है। बल्कि हिंसा को जन्म देती है अब ऐसा प्रतीत होता है कि बीएचयू में बोलने की आजादी छिन गई है। ब्रिटिस काल में भी इस प्रकार का कृत्य छात्राओं पर कभी नहीं हुआ इतिहास साक्षी है। अपना दल केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार से मांग करता है कुलपति महोदय को बनारस से हटाया जाए और इस घटना की सीबीआई से जांच कराई जाए।
दल के प्रवक्ता श्री पटेल ने कहा कि बुंदेलखंड के जालौन में डा. अंबेडकर को अपमानित करने का काम किया गया जो निंदनीय है। मूर्ति को तोड़कर उस पर जूते का माला पहनाना ये महापुरूष का अपमान ही नहीं बल्कि भारत के संविधान को मानने वालों का अपमान है। प्रदेश सरकार को ऐसी घटनाओं पर रोक लगाकर गुनाह करने वालों को सबक सिखाए वरना वर्गवाद की घटनाएं संप्रदायिक घटनाओं से ज्यादा खतरनाक होगी।

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