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गोपालदास नीरज जी की स्मृति में सृजन फाउंडेशन ने उनके गीतों पर दर्शायी सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

तरुण जयसवाल
लखनऊ। विश्व हिंदी दिवस के शेष दो दिन रह गए है जिसकी पहल करते हुए सृजन फाउंडेशन ने चारबाग स्थित रवींद्रालय में चल रहा राष्ट्रीय पुस्तक मेला में पद्मभूषण श्री गोपालदास नीरज जी की स्मृति में पुस्तक मेले का आयोजन कर सृजन फाउंडेशन ने नीरज जी के गीतों के साथ फाउंडेशन के मेंबर्स के नृत्य व गीतों से दिन को यादगार बनाया । जिसमे मुख्य अथिति रहे श्रीमती हेमलता त्रिपाठी एवं लवी तीक्खा जिनकी मौजूदगी में सृजन फाउंडेशन की वर्णया मेहरोत्रा ने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुवात की । जिसके बाद स्वरा त्रिपाठी ने न मेरी है न तेरी है, बेटी किसी किसान की जिससे कार्यक्रम की शुरुवात करते हुए शाइनी गुप्ता सुबह न आई शाम न आई स्तुति जैन एवं समृद्धि सक्सेना- जीत जीवन की बगिया के साथ अपने नृत्य की प्रस्तुति दी । साथ ही आदित्य जायसवाल वागीशा पंत थाट पांडे यथार्थ पांडे सौम्या सिंह नंदनी खरे समृद्धि सक्सेना ऐश्वर्या जयसवाल रूबल जैन दीया राय चौधरी स्तुति जैन ने अपनी प्रस्तुतियां आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं काल का पहिया चूड़ी नहीं है मेरा दिल है जैसे गानों पर अपने नित्य की प्रस्तुतियां दी । साथ ही गीतों के द्वारा दिनेश कुमार श्रीवास्तव राखी अग्रवाल वैभव सक्सेना ने कारवां गुजर गया के गायन साथ अपनी प्रस्तुति दी सृजन फाउंडेशन ने कार्यक्रम की थीम नीरज जी की मशहूर कविता कारवाँ गुज़र गया रखी है कार्यक्रम का संचालन रखी अग्रवाल द्वारा किया गया।

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