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पत्रकारों पर हमलें के विरोध में पत्रकार लखनऊ और बनारस की घटनाओं को लेकर किया प्रदर्शन

लखनऊ। विगत दिनों राजधानी के कानपुर रोड़ स्थित आरटीओ ऑफिस में राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार राजेन्द्र प्रसाद पर हुए प्राण घातक हमलें और बनारस के बीएचयू में पत्रकारों पर हुए हमलें के विरोध में सोमवार को राजधानी में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में न्यूज पेपर्स ऐसोसिएशन, आईएफडब्लयूजे और नवभारत पत्रकार यूनियन सहित कई पत्रकारों ने भाग लिया। पत्रकारों पर हमलें को चौथे स्तम्भ पर हमला बतातें हुए लोकतंत्र पर आघात बताया गया और पत्रकार उत्पीड़न को रोकने तथा पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई। पत्रकार राजेन्द्र प्रसाद पर हुए हमलें की निन्दा करते हुए कहा गया कि आरटीओ कर्मियों ने वरीष्ठ पत्रकार को मारा पीटा और उनकी अंगूठियां तक छीन ली गयी जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है और प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है। पुलिस ने षडयंत्र के तहत आरोपी आरटीआई कर्मियों पर से धारा 394 आईपीसी हटा दी और पक्षपात पूर्ण कार्यवाही करने का काम किया है। पुलिस ने आरोपियों से लूटी गई अंगूठियां तक बरामद नहीं की और न आरटीओ ने विभागीय कार्यवाही तक के संस्तुति नहीं की है। आरटीओ पुलिस चौकी प्रभारी संतोष को तत्काल निलंबित करने, थानाध्यक्ष सरोजनीनगर धर्मेन्द्र शाही तथा एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग पर सर्वसम्मति जताई गयी। इसी के साथ आरोपी आरटीओ कर्मियों श्यामल गांगुली तथा विनय शाही के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने का राज्य सरकार से आग्रह किया गया। सभी पत्रकारों ने समवेत स्वर में बनारस के बीएचयू में घायल हुए पत्रकारों के प्रति सम्वेदना जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सुनिश्चित करें कि किसी भी दशा में लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ पर हमलें न हो और पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान की जाए। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पत्रकार शामिल रहे।

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