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डायबिटीज शरीर के अन्य अंगों को भी करती है प्रभावित नियमित दिनचर्या, व्यायाम एवं खाने की सही आदत विकसित कर डायबिटीज से रह सकते हैं दूर

डायबिटीज के नियंत्रण के लिए नियमित समय अंतराल पर शुगर स्तर की जांच जरूरी
सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर डायबिटीज की जांच होती है निःशुल्क
लखनऊ। डायबिटीज(मधुमेह) जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है | वर्तमान में स्वास्थ्य समस्याओं में यह एक आम समस्या है | यह मेटाबॉलिक डिसॉर्डर के कारण होती है लेकिन खाने की गलत आदत और अनियमित दिनचर्या भी इसके होने में मुख्य भूमिका निभाते हैं |
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण(एनएफएचएस)-5 के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 15 साल और उससे अधिक आयु के 11.6 फीसद पुरुष और 10 प्रतिशत महिलायें अधिक स्तर या बहुत अधिक स्तर की ब्लड शुगर से ग्रसित हैं या इसके नियंत्रण के लिए वह दवाओं का सेवन कर रही हैं |
एनएफएचएस-5 के अनुसार लखनऊ में 15 साल और उससे अधिक आयु के 16.5 फीसद पुरुष और 14.7 प्रतिशत महिलायें अधिक स्तर या बहुत अधिक स्तर की ब्लड शुगर से ग्रसित हैं या इसके नियंत्रण के लिए वह दवाओं का सेवन कर रही हैं |
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक प्रोफेसर के.के. गुप्ता बताते हैं कि जब शरीर में पैन्क्रियास इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है तो रक्त में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है | इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं |
अधिक शुगर( हाई शुगर) लेवल की स्थिति में रक्त में ग्लूकोस की मात्रा 141-160 मिग्रा प्रति डेसीलीटर होती है तथा बहुत अधिक शुगर (वेरी हाई शुगर) लेवल रक्त में ग्लूकोस की मात्रा 160 मिग्रा प्रति डेसीलीटर से अधिक होती है | डायबिटीज पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता है लेकिन नियमित दिनचर्या, खाने की सही आदत विकसित करके और नियमित दवाओं के सेवन से नियंत्रण में रखा जा सकता है |
प्रोफेसर गुप्ता बताते हैं कि डायबिटीज मुख्यतः दो प्रकार का होती है – टाइप -1 और टाइप -2 | टाइप-1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन नहीं बन पाता है और बाहर से इंसुलिन देने की जरूरत होती है जबकि टाइप-2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन को सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है | इस कारण शरीर में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है |
इसके अलावा कुछ महिलाओं में गर्भावस्था में डायबिटीज हो जाती है जो कि प्रसव के बाद वापिस सामान्य हो जाती है |
प्री डायबिटीज एक ऐसी स्थिति होती है जब रक्त में शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है लेकिन इसे डायबिटीज में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है |
डा. गुप्ता ने बताया कि बहुत अधिक भूख एवं प्यास लगना, अधिक पेशाब आना, वजन बढ़ना या कम होना, अधिक थका हुआ महसूस होना, मुंह सूखना, चोट या घाव का देर से भरना, प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना आदि | यदि यह लक्षण दिखाई दें तो इन्हें नजरअंदाज न करें यह डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं | इसलिए शीघ्र ही चिकित्सक से संपर्क करें |
डायबिटीज शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है | डायबिटिक डर्माड्रोम – इसमें त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं | डायबिटिक रेटिनोपैथी – इसमें डायबिटीज के कारण आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है | डायबिटिक नेफ्रोपैथी में डायबिटीज के कारण किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है | डायबिटिक न्यूरोपैथी में नसों को नुकसान पहुंचता है | जिससे पैरों में सुई चुभने जैसी झनझनाहट होती है या चलने में परेशानी होती है | इसी तरह डायबिटिक कीटोएसिडोसिस में मेटाबोलिक प्रोसेस में दिक्कत होती है | इसके अलावा डायबिटीज के कारण मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है | जिसकी वजह से व्यक्ति को एन्जाइटी या डिप्रेशन हो जाता है |
दिनचर्या को नियमित कर, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन का सेवन कर, नियमित व्यायाम एवं योग कर, चिंता मुक्त रहकर, जंक फूड से दूर रहकर इस बीमारी से आप दूर रह सकते हैं |
प्रोफेसर गुप्ता के अनुसार डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है कि नियमित समय अंतराल पर शुगर स्तर की जांच कराते रहें और इसका रिकॉर्ड रखें | चिकित्सक द्वारा दी गई दवाओं को नियमित रूप से लें तथा चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही आहार लें | साथ ही जो दिनचर्या डाक्टर द्वारा बताई गई है उसका पालन करें | इसके अलावा नियमित तौर पर चिकित्सक से जांच कराएं | नियमित व्यायाम एवं योग करें |
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर तथा हर रविवार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में डायबिटीज की जांच नि:शुल्क होती है | इसके अलावा ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस(वीएचएनडी) तथा शहरी स्वास्थ्य पोषण दिवस(यूएचएनडी) पर भी गर्भवती की डायबिटीज की जांच निशुल्क की जाती है |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव ने बताया कि जनपद में विभिन्न जगहों पर 78 हेल्थ एटीएम भी लगे हैं जहां पर डायबिटीज की जांच उपलब्ध है |

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