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पेयजल के कीटाणुशोधन हेतु एक नवीन उपकरण (डिवाइस) प्रौद्योगिकी हस्तांतरित

लखनऊ । सीएसआईआर-आईआईटीआर ने एसएस मेज़र टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को दिनांक: 13 अगस्त, 2018 पेयजल के कीटाणुशोधन हेतु एक नवीन उपकरण (डिवाइस) प्रौद्योगिकी हस्तांतरित किया । साथ ही साथ खाद्य एवं उपभोक्ता सुरक्षा समाधान (फ़ोकस): खाद्य सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकीय समाधान प्रदान करना (फूड एंड कंज़्यूमर सेफ़्टी सल्यूशन(फ़ोकस): डिलेवरिंग टेक्नोलोजिकल सल्यूशन फॉर फूड सेफ़्टी) कार्यक्रम प्रारंभ किया ।
सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर), लखनऊ ने एसएस मेज़र टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को दिनांक 13 अगस्त, 2018 को पेयजल के कीटाणुशोधन हेतु इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु मेसर्स- एसएस मेज़र टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड जो की एक स्टरलाइजेशन टेक कंपनी है, के साथ ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी- (टीओटी) अनुबंध पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए। hडॉ. के.सी. खुल्बे, प्रमुख, अनुसंधान योजना एवं व्यापार विकास प्रभाग (प्रमुख,आरपीबीडी), सीएसआईआर-आईआईटीआर एवं प्रोफेसर विनायक नाथ, सह-संस्थापक ईडी एवं सीईओ, मेसर्स- एसएस मेज़र टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए । सीएसआईआर-आईआईटीआर द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में की गई यह पहल केंद्र सरकार की पहल- “मेक इन इंडिया”, “कायाकल्प”, “डिजिटल इंडिया”, की दिशा में एमएसएमई को समर्थन बढ़ाने एवं व्यापक रूप में राष्ट्रीय मिशन कार्यक्रम – स्वस्थ भारत और स्वच्छ भारत को पूर्ण करने हेतु है । इस अवसर पर प्रोफेसर आलोक धावन, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर और श्री मोनीश भंडारी, ईडी, एसएस मेज़र टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड अन्य वैज्ञानिकों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे। इस दिन, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने एक नया “सीएसआईआर इंडिया मिशन-मोड कार्यक्रम- खाद्य एवं उपभोक्ता सुरक्षा समाधान(फ़ोकस): खाद्य सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकीय समाधान प्रदान करना (फूड एंड कंज़्यूमर सेफ़्टी सल्यूशन(फ़ोकस): डिलेवरिंग टेक्नोलोजिकल सल्यूशन फॉर फूड सेफ़्टी: भी प्रारंभ(लान्च) किया । इस अवसर पर प्रोफेसर आलोक धावन, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने कहा कि “सभी के लिए सुरक्षित खाद्य” की राष्ट्रीय प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए, सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य प्रदान करने के लिए उन क्षेत्रों की पहचान हेतु जहां प्रौद्योगिकीय कार्यों की आवश्यकता है, हितधारकों(स्टेकहोल्डर) के साथ संवादों की एक श्रृंखला प्रारंभ की गयी। किसानों, उद्योगों, उपभोक्ताओं और नियामक एजेंसियों की अपूर्ण आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए इस मिशन मोड कार्यक्रम बनाने के दौरान एफएसएसएआई, बीआईएस और भारतीय निर्यात परिषद सहित कई प्रमुख उद्योगों और नियामक एजेंसियों से विचार विमर्श किया गया। सीएसआईआर की सात प्रयोगशालाएं उत्पादन से खाने तक “सीड टू स्टमक” का समाधान प्रदान करने के लिए इस मिशन मोड प्रोग्राम में कार्य करने के लिए एक साथ संगठित हो गई हैं। फ़ोकस कार्यक्रम से प्राप्त परिणाम (“फोकस डिलेवेरेबल्स”) फलों और सब्जियों के भंडारण और उपयोग होने तक की अवधि (शेल्फ लाइफ) को संरक्षित करने और बढ़ाने के लिए किफ़ायती और सक्षम अंतः स्थापित(एम्बेडेड) नियंत्रित स्टोरेज चैम्बर तथा इलेक्ट्रोस्टैटिक कोटिंग सिस्टम प्रदान कर के किसानों की समस्याओं का समाधान प्रदान करेंगे। खाद्य उत्पादों के निर्यात हेतु नियामक एजेंसियों की परीक्षण आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए माइकोटॉक्सिन, कीटनाशकों और अन्य संदूषकों की जाँच के लिए नई विधियों और प्रौद्योगिकियों को विकसित किया जाएगा । यह परियोजना दुग्ध और दुग्ध उत्पादों में मिलावट की समस्या का समाधान करेगी । दुग्ध उत्पादों, घी तथा खाद्य तेलों में अपमिश्रक और संदूषकों की जाँच के लिए सेंसर और उपकरणों को विकसित किया जाएगा। ये उपकरण नियामक एजेंसी के साथ-साथ उपभोक्ता द्वारा भी उपयोग किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, पैक खाद्य पदार्थों जैसे पैक रस, मांस और डेयरी उत्पादों के खराब होने का पता लगाने के लिए बहु-विश्लेषक सेंसर विकसित किए जाएंगे। विकसित प्रौद्योगिकी से संबंधित जानकारी को नए ऐप्स, फेरी विक्रेताओं के जागरूकता कार्यक्रम और हितधारकों की कार्यशालाओं के माध्यम से जनता को दी जाएगी । मेक इन इंडिया, स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत, इनोवेट इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के लिए “फोकस” अत्यधिक प्रासंगिक है।

 

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