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स्वाइन फ्लू, स्कूलों में बन्द हो प्रार्थनासभाएं : सीएमओ

संक्रमण से फैलती बिमारी; कैसे करें बचाव
राजधानी में तेजी से पसार रहा है पैर, 34% बच्चें प्रभावित
लखनऊ। इण्डियन मेडिकल एसोशिएसन और चीफ मेडिकल आफिसर के संयुक्त तत्वाधान में गरमी की बिमारियों खास तौर पर स्लाइन फ्लू को लेकर लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए सीएमई आन फीवर का आयोजन रिवर बैंक कालोनी स्थित आईएमए भवन में किया। इस अवसर पर राजधानी के डाक्टरों को फीवर और स्वाइन फ्लू बिमारी के कारण, उपचार इत्यादि से अवगत कराया गया। स्कूलों में जरनल असेम्बली बंद करने की बात करते हुए सीएमओ डॉ० जी एस बाजपेई ने कहा कि गरमी के कारण मौसमी बिमारियों तेजी से फैल रही है और गंभीर बिमारी का आम सर्दी, खांसी, जुकाम से लोग अंतर नहीं कर पा रहे हैं। स्वाइन फ्लू को लेकर लोगों में तमाम भ्रांतियां हैं जिन्हें दूर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासनों से अपील की गई है कि प्रार्थनासभा का आयोजन बंद कर दे और जो बच्चें बुखार इत्यादि से पीड़ित दिखे उन्हें तुरंत चिकित्सक के पास भेजे। राजधानी में 34% बच्चों को स्वाइन फ्लू होने की बात बतातें हुए कहा कि शहर और आसपास के क्षेत्रों में डाक्टरों की टीम स्कूलों तक जा कर जांच कर रही है और अब तक 260 स्कूलों का निरीक्षण किया गया है। टैमीफ्लू दवाई को कारगर बताते हुए डॉ बाजपेई ने कहा कि ये बिमारी जागरुकता से रुक सकती है।
आईएमए अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता ने बताया कि जब लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होते हैं, तो उनके लक्षण आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के लोगों के समान ही होते हैं। इसमें बुखार, थकान, और भूख की कमी, खांसी और गले में खराश शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकती है। वायरस मौसमी फ्लू के सामान ही फैलता हैं। छोटी बूंदों के रूप में, एक संक्रमित व्यक्ति की नाक और मुंह से, जब वो बात करते हैं खांसते या छींकते हैं। लोग संक्रमित हो सकते हैं अगर वो इन बूंदों को साँस में लेते हैं और वो किसी व्यक्ति या ऐसी चीज़ को छूते हैं जो कि वायरस से दूषित होती है।
डॉ प्रांजल अग्रवाल ने बताया कि इस बार डेंगू से ज्यादा स्वाइन फ्लू फैलने की बात करते हुए कहा कि नियमित अपने हाथ धोना बीमारियों की एक विस्तृत श्रृंखला, इन्फ्लूएंजा सहित से खुद को बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। हर बार जब आप कुछ स्पर्श करते हैं, तो कीटाणु आपके हाथों पर आ सकते हैं। मैले हाथों से अपनी आंखों, नाक या मुंह को छूने से आपके शरीर में अपने हाथों से कीटाणुओं का हस्तांतरण हो सकता है। अपने हाथ नियमित धोने से आपको कीटाणुओं को दूर करने और उन्हें आप और अन्य लोगों तक फैलने से रोकने में मदद मिलती है, आप और संक्रमण की एक विस्तृत श्रृंखला से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि आईएमए के 30 प्रशिक्षित डाक्टरों द्वारा आईएमए भवन में प्रतिदिन नि: शुल्क क्लीनिक 3-5 बजे चलना जा रहा है।
स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय बतातें हुए डॉ जे डी रावत ने कहा कि
-बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोयें
– जब खाँसी या छींक आये, तो अपने मुंह और नाक को एक टिश्यू से ढक लें, यदि संभव हो
– इस्तेमाल किये टिश्यू का तुरंत और सावधानी के साथ निपटान करें। उन्हें एक बैग में डाल कर फिर पात्र में फेंकें
– स्वच्छ कठोर सतहों (उदाहरण के लिए दरवाज़े के हैंडल) को नियमित साफ़ रखें
– सुनिश्चित करें कि बच्चे इस सलाह का पालन करें।
ऐसी सतहें जहाँ लोग अक्सर अपने हाथों से स्पर्श करते हैं उन्हें साफ और कीटाणुरहित करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है:-
– हैंडल्स और स्विच
– नल और टॉयलेट फ्लश के हैंडल
– किचन वर्कटॉप्स
– टेलीफोन रिसीवर्स
– कंप्यूटर कीबोर्ड्स।

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