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मुख्यमंत्री द्वारा नामित फोरम के सदस्य एवं परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव और अध्यक्ष हरिकशोर तिवारी मुख्य सचिव से मिले

विभागीय स्तर पर लम्बित समस्याओं के निपटारे के लिए बनाया गया था फोर
  लखनऊ । राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के लम्बे संघर्ष  के बाद विभागीय स्तर पर लम्बित मामलों के निपटारे के लिए बनाए गए विभागीय फोरम को एक बार फिर मुख्य सचिव द्वारा सक्रिय करने के स्पष्ट निर्देश दिये गए है। मुख्यमंत्री द्वारा फोरम में सदस्य के रूप में नामित राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव और अध्यक्ष हरिकिशोर ने इस सम्बंध में मुख्यसचिव को जब अवगत कराया तो उन्होंने तत्काल प्रमुख सचिव न्याय को निर्देश दिये है। परिषद के नेताओं ने बताया कि फोरम के सक्रिय होने से छोटे छोटे प्रकरणों का इस फोरम स्तर पर निस्तारण हो पाएगा। 
परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि विभिन्न न्यायालयों में भारी संख्या में योजित हो रहे मुकद्मों के निस्तारण में जहां एक ओर अत्यधिक समय लगता है एवं भारी धनराशि का व्यय होता है, वहीं दूसरी ओर पैरवी करने वाले कर्मचारी/अधिकारी एंव उसके परिवार को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन परिस्थितियों में परस्पर बातचीत से विवाद का समाधान किये जाने की स्थिति में सुधार की सम्भावना की जा सकती है।
  उक्त के सम्बन्ध में मा0 उच्च न्यायालय की मंशा के अनुरुप पत्र दि0-30 मई, 2008 द्वारा मा0 उच्च न्यायालय में लम्बित ऐसे वादों जिनमें सरकार पक्षवार है, के त्वरित निस्तारण हेतू ‘‘विभागीय विवाद समाधान फोरम‘‘ का गठन किया गया था। समय-समय पर उक्त गठित फोरम में यथावश्यक संशोधन किये गये। फोरम और अधिक सक्रिय किये जाने की आवश्यकता महसूस की गई। उक्त फोरमों में प्रत्येक 3 माह में शनिवार को ‘‘लोक सेवा अदालत‘‘ लगाकर विवादों का निपटारा किया जाना था तथा इसमें फोरम द्वारा वादों के निस्तारण के समय अत्यन्त तकनीकी दृष्टिकोण नहीं अपितु सहानुभूति पूर्वक एवं उदारवादी दृष्टिाकोण अपना कर मामलों का निस्तारण का प्रयास किया जाना था।
  शासन ने सम्पन्न मुख्य सचिव उ0प्र0 की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक दिनांक 01.जुलाई .2014 को अनुक्रम में सम्यक विचारोपरान्त ‘‘विभागीय विवाद समाधान फोरम‘‘ के पुर्नगठन के फलस्वरुप ‘‘विभागीय विवाद समाधान फोरम‘‘ के स्थान पर ‘‘4 विभागीय विवाद समाधान फोरम‘‘ का गठन किया गया है। जिसमें  प्रत्येक फोरम में प्रमुख सचिव अध्यक्ष तथा मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों से एक पदाधिकारी एंव न्याय, वित्त तथा सम्बन्धित विभाग के विशेष सचिव एवं महाधिवक्ता द्वारा नामित एक अधिवक्ता को सदस्य रखा गया है। उक्त आदेश 19 जून, 2015 में जारी हुआ था। पुनः 27 मई 2016 को 3 जी0पी0 आदेश जारी किया गया। जिसमें परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव को मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप् में सदस्य नामित किया गया है। कर्मचारी प्रतिनिधि के रूप में शिवबरन सिंह यादव की छबि साफ सुथरी रही है। कानून की भाषा में अच्छी पकड़ के कारण माना जा रहा है कि कर्मचारियों की मागों को फोरम में शीघ्र निस्तारण हो सकेगा। कर्मचारियों और सरकार के मध्य भारी संख्या में लम्बित सेवा सम्बंधी वादों का निस्तारण होनरे से जहाॅ कर्मचारी और सरकार को आर्थिक बचत के साथ समय बचेगा। वही सरकार और कर्मचारियों के बीच समाजस्य स्थापित होगा। 

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