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भारत रत्न लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का परिनिर्वाण दिवस केन्द्रीय कार्यालय में मनाया

लखनऊ | अपना दल,भारत रत्न लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का परिनिर्वाण दिवस केन्द्रीय कार्यालय में मनाया गया। जिसमें पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय सचिव राम सनेही पटेल ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किया। राम सनेही पटेल ने पुष्प अर्पित कर प्रेस के माध्यम से बताया कि स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में सरदार पटेल का नाम सर्वोपरि स्वर्ण अक्षरों मंे अंकित है। लेकिन यह सोचकर चिन्ता सताने लगती है कि यदि सरदार पटेल न होते तो इस भारत देश की दशा क्या होती? उन्होनें अपनी बुद्धिमता, दृढ़ निश्चय, अदम्य साहस और कूटनीति के बल पर अंग्रेजों से भारत देश को आजाद कराया। अंग्रेज जाते-जाते भारत के दो टुकड़े तो कर दिया लेकिन सरदार पटेल 565 रियासतों को भारत संघ में मिला दिया, बिना किसी का खून बहाये सरदार पटेल ने यह कार्य किया। पटेल ने आगे कहा कि सरदार पटेल कहते थे कि ‘‘किसान डर कर दुख उठाये और जालिमों की लात खाए इससे मुझे शर्म आती है। मैं सोचता हूं कि किसानों को गरीब और कमजोर न रहने देकर सीधे खड़े करूं और ऊंचा सिर करके चलने वाला बना दूं, इतने काम करके मरूंगा तो अपना जीवन सफल मानूंगा’’। यह कथन अखण्ड भारत के निर्माता लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के हैं। जिनका सपना आजादी के कई दशकों के बाद भी पूरा नही हो पाया है। राष्ट्र निर्माता सरदार पटेल का यह कथन कि दुनिया में विकास के लिए तीन चीजों की आवश्यकता होती है, बहता हुआ पानी, अंकुरित बीज, दौड़ता हुआ ट्रांसपोर्ट इसको सुव्यवस्थित रूप से प्रबन्ध करके देश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाया जा सकता है। पुष्प अर्पित में मीडिया प्रभारी मोहम्मद नजीर, सुशील निरंजन, श्रीमती गुलशन बानो, राम आश्रय पटेल, मो0 अय्यूब उर्फ चांद, डा0 मुशीर अहमद, दिलीप पटेल, अनिकेत, वीरेन्द्र, शिवम, रवि शंकर, जगन्नाथ मोदी, मो0 कय्यूम आदि लोग उपस्थिति रहे।

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