कार्ययोजना तैयार, महिला मोर्चा 10 अक्टूबर तक चलायेगा जागरूकता अभियान
लखनऊ(यूएनएस)। नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद के दोनों सदनों से पारित कराने के बाद भाजपा की नजर आधी आबादी पर जा टिकी है।बीजेपी मोदी सरकार का तोहफा बताकर अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी। महिलाओं के बीच जनाधार मजबूत करेगी।पार्टी की दिसंबर तक की कार्ययोजना तैयार है। यूपी के 80 लोकसभा क्षेत्रों में 16 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 7.5 करोड़ से ज्यादा है। भाजपा का लोकसभा चुनाव में 80 सीटें जीतने और 60 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य है। विपक्षी गठबंधन इंडिया के यूपी में लामबंद होने पर भाजपा के लिए लक्ष्य पाना मुश्किल हो सकता है। इंडिया के जातीय वोट बैंक की काट के रूप में भाजपा ने महिला वोट बैंक को हथियार बनाने की रणनीति बनाई है। पार्टी का प्रयास है कि जाति, मत और मजहब से ऊपर उठकर महिलाओं के बीच वोट बैंक बढ़ाने पर फोकस किया जाए।भाजपा महिला मोर्चा की ओर से 10 अक्तूबर तक वोटर चेतना अभियान चलाया जाएगा। इसमें प्रत्येक बूथ पर दस नई महिला मतदाता बनाई जाएंगी। इसके बाद मंडल स्तर पर एक हजार नव महिला मतदाताओं के सम्मेलन होंगे। इसमें हर वर्ग की महिलाओं को बताया जाएगा कि अधिनियम के लागू होने के बाद उनके सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्थिति में किस तरह बदलाव आएंगे। पदाधिकारियों को सक्रिय करने के लिए महिला मोर्चा 12 अक्तूबर राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती से 30 अक्तूबर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती तक संपर्क अभियान चलाया जाएगा। महिला मोर्चा 6 से 20 दिसंबर तक 2014 से पहले और उसके बाद देश की तुलनात्मक स्थिति से अवगत कराएगा। 6 दिसंबर को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती के दिन इंटर और डिग्री कॉलेज की छात्राओं के बीच प्रश्नोतरी कराई जाएगी। भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर 24 दिसंबर को प्रतियोगिता की विजेता छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2019, विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम के आधार पर महिला वोट बैंक की दृष्टि से कमजोर 40 जिलों में मोर्चा पदाधिकारियों के प्रवास होंगे। महिला वोट बैंक बढ़ाने पर खास जोर दिया जाएगा और हर वर्ग की महिलाओं को संगठन से जोड़ा जाएगा।आरएसएस ने पिछले दिनों हुई समन्वय बैठक में संघ परिवार से जुड़े संगठनों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का साफ संकेत दिया है। सर संघ चालक मोहन भागवत ने अपने प्रवास के दौरान महिला आरक्षण बिल पास होने पर जिस तरह महिला सहभागिता के विकास की उम्मीद जताई है, उससे माना जा रहा है कि संघ से जुड़े संगठनों में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ाने की कार्यवाही होगी।