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अल्लाह ने हमें एक अनमोल तोहफा मां की शक्ल में दिया है, इस अनमोल रिश्ते के आगे सारे तोहफे बेमानी है : इंजिनियर हया फातिमा

लखनऊ ।”मदर्स डे” हर साल मनाया जाता है। यह सभी जानते हैं की मां एक ऐसा लफ़्ज़ है जो हर किसी की जिंदगी में एक अहमियत रखता है। निकट सिटी स्टेशन, सल्तनत मंजिल, हामिद रोड , लखनऊ की रहने वाली इंजिनियर हया फातिमा बिटिया नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, एडवोकेट का मानना है की उनके लिए हर दिन मदर्स डे है। वो कहती हैं की किसी एक दिन मदर यानी मां के नाम पर सेलिब्रेट करने से उनके तयीन जो हमारा प्यार और इज्जत है वो नही दिखता। यह तो सिर्फ उस प्यार को इज़हार करने का दिन है जो हम उन्हें करते हैं। अल्लाह ने हमें अनमोल तोहफा मां की शक्ल में दिया है। इस अनमोल रिश्ते के आगे सारे तोहफे बेमानी है। फिर भी हमारे पास ऐसा कोइ जरिया होना चाहिए जिस के ज़रिए हम अपनी मां को यह बता सकें की हम उन्हें कितना प्यार करते हैं। यूं तो मां बच्चें का रिश्ता हर पर, हर दिन एक एहम मुकाम रहता है। मदर्स डे शायद इसी लिए मनाया जाता है की उनकी औलाद उनको यह बता सके की उनके बच्चों को लिए उनकी मां कितनी एहमियत रखती है । इंजिनियर हया फातिमा आगे बताती हैं की जबसे उन्होंने होश संभाला अपनी मां को अपनी आंखों के करीब पाया। ना जानें कितनी तकलीफें हमें पालने में मां को उठानी पढ़ी होगी। अपनी कई राते बिना सोए हुए काटी होगी। आज में जो कुछ भी हूं इनकी मेहनत, मोहब्बत व प्यार और तरबियत की वजह कर हूं। हर पल मेरा साथ दिया और मुझे तालीम याफ्ता और इंजिनियर बनाया। इंजिनियर हया फातिमा ने आगे कहा कि बच्चों को चहिए की वो अपनी मां के साथ अच्छा बरताओ करे उन्हें कोई भी तकलीफ न दें और उन्हें हर तरह से खुश रक्खे। बच्चों को यह बात जाननी चाहिए की मां के कदमों के नीचे जन्नत है। इंजिनियर हया फातिमा ने आगे बताया की वो अपनी मां से बेहद प्यार करती हैं, एक अच्छे दोस्त की शक्ल में हमेशा उनके साथ पेड़ की छांव की तरह रहती हैं। वो हमेशा इस कोशिश में रहती हैं की ऐसा काम करूं जिससे उनके माता पिता को खुशी व फखर महसूस हो ।

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