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आखिर मायावती ने क्यों लिया हिंदू धर्म छोड़ने का फैसला, इस वजह से अपनाने जा रहीं यह धर्म

लखनऊ | बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। दरअसल महाराष्ट्र के नागपुर में बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने मृत्यु से कुछ समय पहले ही अपना धर्म परिवर्तन किया था। आप लोग मेरे धर्म परिवर्तन के बारे में भी सोचते होंगे। मैं निश्चित रूप से बौद्ध धर्म का अनुयायी बनने के लिए दीक्षा लूंगाी लेकिन सही समय आने पर ऐसा करूंगी। मायावती ने कहा कि ऐसा तब होगा जब पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग धर्मांतरण करें। धर्मांतरण की यह प्रक्रिया भी तब ही संभव है जब बाबासाहब के अनुयायी राजनीतिक जीवन में भी उनके बताए रास्ते का अनुसरण करें। दरअसल मायावती ने यह ऐलान इस भरोसा से किया है कि दलित समुदाय अभी भी उनके साथ है और उनके साथ जुड़ जाएगा।
बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार की विफल नीतियों की वजह से इस समय देश में आर्थिक सुस्ती आई है। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकारी नौकरियों में पदोन्‍नति के लिए दलितों और अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण को रोकने के लिए आंतरिक समझ है। दलितों और अनुसूचित जनजातियों के हितों के लिए बनाए गए कानूनों को सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया है। इससे देश में वंचितों का शोषण करने वालों को बढ़ावा मिला है। दरअसल महाराष्ट्र में बीएसपी सीटों के लिहाज से सफल नहीं है, लेकिन वोट शेयर के लिहाज से पार्टी कई राज्यों की तरह यहां भी एक बड़े हिस्से पर जीत दर्ज करती है। यूपी की तरह यहां भी दलित मायावती के साथ बड़ी तादाद में जुड़े हुए हैं। मायावती का यह बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। बड़ी तादाद में लोगों के साथ धर्मांतरण की बात पर बहस शुरू हो गई है। मतलब साफ है कि मायावती को भरोसा है कि दलित समुदाय अभी भी उनके साथ है और उनके कहने पर वो धर्म परिवर्तन जैसा बड़ा क़दम बिना सोचे-समझे उठा सकता है।

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