अवध की आवाज
लखनऊ। अवध बार एसोसिएशन के महासचिव शरद पाठक ने बताया कि लखनऊ उच्च न्यायालय के साथ सौतेली व्यवस्था के विरुद्ध प्रस्ताव पारित कर इलाहाबाद व लखनऊ में दाखिले व बहस की फिजिकल फाइलिंग व फिजिकल बहस की एक समान व्यवस्था लागू करने तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव किया है। बताया कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है। जिसका निकट भविष्य में कोई इलाज दूर दूर तक नही दिख रहा है। ऐसे मे अदालतें मार्च से बंद हैं लेकिन प्रशासन कार्य कर रहा है। फौजदारी के मुकदमे लगातार हो रहे हैं। कोरोना का असर अन्याय पर नही है तो लोग अन्याय होने पर कहाँ जाएं आखिर कब तक अदालते बन्द रहेंगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सिस्टम भी एकदम निराशाजनक है। जिसको अपग्रेड कर सुप्रीम कोर्ट जैसी व्यवस्था लागू करने की मांग भी अनसुनी की जा रही है। अवध बार एसोसिएशन ने इस संघर्ष पर कहा कि 25 अगस्त से न्यायिक कार्य से विरत रहे व वीडियो लिंक का बहिष्कार करें।