लखनऊ | राजधानी में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ हैं ट्रैफिक नियमों का पालन और उसके जुर्माना। इस समय सबकी हालत ख़राब कर रखी हैं। ठीक उसी तरह तम्बाखू धीरे-धीरे एक महामारी के रूप में पैर फैला रहा है। जबकि उपभोग करने वाले लोगों की संख्या हर दिन तेजी से बढ़ रही है। हर दिन लगभग 55 सौ बच्चे गिरफ्त में आ रहे हैं। तंबाकू से हर दिन भारत भर में ढाई हजार लोगों की मौत का कारण बन रहा है। हर व्यक्ति इस गंभीर समस्या के बारे में चिंतित है। तम्बाखू उत्पादों की खपत के कारण बीमारियों और मौतों की कमी के साथ, लगातार बढ़ते उपभोक्ताओं की संख्या को कम करने के लिए समय-समय पर कई कानून और विनियम किए गए हैं। इसके बावजूद, इस पर प्रभावी रोकथाम नही हो पा रहा है। तम्बाखू फ्री लखनऊ कैम्प भी चलाये जा रहे हैं लेकिन इसका भी कोई प्रभाव नहीं दिख रहा हैं। नगर निगम चुप नहीं बैठा जब महापौर ने बतायाकि छोटे छोटे दुकानदारों को अलग – अलग लाइसेंस लेना होगा। जो भी दूकानदार लाइसेंस नहीं बनवाये वह अपनी दूकान नहीं खोल पायेगा। उन्होंने कहाकि तम्बाखू बहुत ही घातक हो चला है और हर कोने पर मौत के सामान की दुकाने सजी हुई है परिवार को इससे बचाने के लिए निश्चित ही ठोस कदम उठाने की जरुरत थी जिसको हमने नगर – निगम के सदन वेंडर में लाइसेंसिंग प्रणाली को सदन में पास किया। उन्होंने कहाकि सिगरेट तम्बाखू खैनी जैसे उत्पाद बेचने के लिए अब छोटे छोटे दुकानदारों को भी नगर निगम से उसका अलग से लाइसेंस लेना होगा बिना लाइसेंस के अब दुकानदार पान बीड़ी सिगरेट तंबाकू उत्पाद नहीं बेच पाएंगे। लखनऊ की मेयर सम्युक्त भाटिया ने कहाकि बिना तंबाकू उत्पाद बेचते हुए पकड़े जाने पर 2000 जुर्माना तथा दूसरी बार 5000 और सामान की जब्त हो सकता है।तीसरी बार 5000 जुर्माना के साथ केस दर्ज करवाया जा सकता है। संयुक्त भाटिया ने बताया लाइसेंस के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा आधार ना होने की स्थिति पर अपने क्षेत्रीय पार्षद से सत्यापन लाइसेंस करवाना होगा। जानकारी के मुताबिक जिनको लाइसेंस प्राप्त होगा वह दुकानदार खुली सिगरेट लाइसेंस की फीस कितनी होगी।