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सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ शरीफ की याचिका स्वीकार की

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराये जाने को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई पांच जजों की किसी पीठ से कराने का अनुरोध आज स्वीकार कर लिया। शरीफ को अयोग्य ठहराये जाने को चुनौती देते हुए शरीफ, उनकी संतानों, दामाद और वित्त मंत्री इसहाक डार ने समीक्षा याचिकाएं दायर की थी। गत 28 जुलाई के निर्णय के खिलाफ शरीफ और उनके परिवार ने अलग-अलग याचिकाएं दायर की थी। इस फैसले में 67 वर्षीय शरीफ को अयोग्य करार दिया गया है और उनके परिवार तथा डार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दायर करने का आदेश दिया गया है। शरीफ, उनकी बेटी मरियम, बेटे हुसैन और हसन तथा दामाद मोहम्मद सफदर और डार ने अपनी याचिकाओं में कोर्ट से फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया था। याचिकाओं में कहा गया है कि फैसले में कानून के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष ये याचिकाएं पेश की गयीं। शरीफ की संतानों के वकील सलमान अकरम राजा ने पीठ से एक बृहद पीठ बनाने के लिए कहा क्योंकि यह निर्णय पांच सदस्यीय पैनल द्वारा किया गया था और तीन सदस्यीय पैनल पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई करने के लिए अधिकृत नहीं है। उन्होंने पांच जजों की पीठ के बजाय तीन सदस्यीय पीठ द्वारा पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के खिलाफ शरीफ की संतानों द्वारा पहले ही सौंपी जा चुकी एक लिखित अर्जी का जिक्र किया। प्रारंभिक बहस के बाद जजों ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और घोषणा की कि पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय पैनल बनाने के लिए प्रधान न्यायाधीश से आग्रह किया जाएगा। अदालत ने सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी। शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस भी सुनवाई के दौरान मौजूद थे। उन्होंने बृहद पीठ के पक्ष में दलील दी।निर्णय के बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार के चार मामले दर्ज किये थे।

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