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11 साल की छोटी सी उम्र में हाफिज मोहम्मद शाहनवाज रजा ने हाफिज ए कुरान पूरा किया

मोहम्मद मैनुद्दीन खान

गोंडा :- विकास खण्ड बभनजोत के अंतर्गत दारुल उलूम अहले सुन्नत गरीब नवाज भानपुर गौरा चौकी मैं एक दिवसिय जश्ने तकमीले हिफजे कुरान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर नबीर ए मजहरे आला हजरत कायदे अहले सुन्नत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद फरजान रजा खां हशमती, प्रबंधक अल—जामे अतुल हशमतिया मुशाहिद नगर ने संबोधित करते हुए कहा की कुराने पाक अल्लाह का आखिरी कलाम है। और तमाम तरह की रद्दो बदल से महफूज किताब है जबकि दूसरी आसमानी किताबों में तरह-तरह की भिन्नताऐं और तब्दीलियां प्रकाश में आई।आज दुश्मनाने इस्लाम अपने नापाक इरादों के तहत उसे कहीं जलाकर और कहीं फाड़ कर अपनी दुश्मनी जाहिर कर रहे हैं, मगर यह किताब कयामत तक के लिए तमाम इंसानों की रहनुमाई और हिदायत के लिए नाजिल हुई है। और लोग मुसलसल इस से लाभ हासिल करते रहे हैं। किताबे हिदायत में कुल इंसानों के लिए वह दीन- ए -हक और जामे और कामिल निजामे हयात है। जो जिंदगी के हर शोबों में इंसानियत की सही रहनुमाई करता है इंसानी जिंदगी से जुड़ा हर मुश्किल का हल उसके अंदर मौजूद है। और अल्लाह की खुशनूदी और आखिरत की अबदी और ला फानी जिंदगी की राह दिखाता है कुरान के अलावा ऐसी रहनुमाई पर मुसतमिल कोई खुदाई किताब इस दुनिया में मौजूद ही नहीं है। उन्होंने कुरानी तालीमात पर जोर देते हुए कहा कि कुरान के खजाने बेशुमार हैं। इससे हर इंसान फायदा हासिल कर सकता है यह हर दौर के इंसानो को अपने चश्मे से शैराब करता नजर आ रहा है। मौलाना जैनुल आबदीन अमजदी पिरंस्पल दारुल उलूम अहले सुन्नत गरीब नवाज भानपुर ने हाफिज शाहनवाज रजा हशमती और उनके घर वालो को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि क़ुरआने करीम की हिफाजत की जिम्मेदारी खुद रब्बे काबा ने अपने जिम्मा ली है इसलिए बातिल ताकतें चाहे जितना जोर लगा लें क़ुरआने करीम को मिटा नहीं सकतीं ना जाने दुनिया में कितनी बातिल ताकतें रूनुमा हुईं लेकिन कुछ भी नहीं कर सकीं। और ना क़यामत तक कर सकती हैं। अलहाज कारी शरफुद्दीन खां हशमती ने कहा कि कुराअन किताबे दावत और किताबे इंकलाब होने के साथ-साथ ये किताबे शिफ़ा भी है। इस किताब और इस किताब के हामिल नबी करीम सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम की तबीयत से सहाबा कराम का साफ़ सुथरा किरदार वजूद में आया जिसकी नज़ीर तारिख़ पेश करने से क़ासिर है।जिस पाकीज़ा किरदार को आज अगर दुनिया के लोग अपना लें तो दुनिया से तमाम बुराईया ख़त्म हो जाएंगी। कारी अंजार आलम ने कहा कि कुरान से इंसान अल्लाह के क़रीब हो जाता है। और यह दुनिया का सबसे बड़ा एजाज है जो आका – ए-करीम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के उमतियो को खुदा की तरफ से आता हुआ और यह और किसी उम्मती को हासिल ना हुआ। इस मौका पर 11 साल की छोटी सी उम्र में हाफिज ए कुरान पूरा करने वाले हाफिज मोहम्मद शाहनवाज रजा हाफिज मोहम्मद शहजाद रजा हशमती,भानपुर ने ढाई साल में हाफिज अंजार आलम के निगरानी में रहकर खुदा के मुकद्दस कलाम को अपने सीने में महफूज कर लिया और बाहर से आए हुए लोगों ने मुबारकबाद पेश की सदारत शहजादे मासूम ए मिल्लत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद फरज़ान रजा हशमती और संचालन कारी सरफराज अहमद हशमती ने अंजाम दिया। प्रोग्राम का आगाज तिलावते कलामे रब्बानी से हाफिज दिलदार हुसैन ने किया। क़ारी मेहंदी हसन हशमती, मौलाना मोहम्मद हशमती, हाफ़िज़ शहजाद रजा हशमती, मौलाना शाबान मासूमी, मौलाना अय्यूब समेत नाते पाक पेश किया- प्रोग्राम सलातो सलाम व दुआ पर ख़त्म हुआ।

इस मौका पर एजाज अहमद अशरफी, तसव्वर हुसैन, अबरार अहमद खां हशमती, इम्तियाज अहमद, गुलाम हुसैन अशरफ़ी, महबूब अहमद, मुमताज अहमद, सद्दाम हुसैन, मोहम्मद रईस, डॉक्टर जान मोहम्मद, गुलाम पानी वाले हाजी मग्घो, अब्दुल हलीम, नूरुल हुदा, मौलाना खुर्शीद आलम, मौलाना अली अहमद हशमती, मोहम्मद रजा, अहमद रजा, शहाबुद्दीन के अलावा काफ़ी संख्या में लोग उपस्थिति रहे।

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