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जीवनसाथी शैली के छोटे बदलाव बचा सकते हैं हृदय रोगों से

विश्व हृदय दिवस की पूर्वसंध्या पर हुआ आयोजन
लखनऊ। विश्व हृदय दिवस की पूर्वसंध्या पर राजधानी के प्रेस क्लब में हार्ट की सेहत को लेकर डॉ साजिद अंसारी ने बेहद जरूरी बातें बताई। सन 2022-23 तक देश के ब्लड प्रेशर की कैपीटल बन जाने की बात करते हुए बताया कि पश्चिमी देशों की तुलना में यहां हृदय रोग 8-10 वर्ष पहले ही उभरता है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक लगभग 35 वर्ष की आयु वाले तकरीबन 18 मिलियन लोग हृदय रोग का शिकार बन सकते है। हार्ट अटैक मौतों होने में नम्बर पर आता है।हृदय रोगों से बचने के लिए जीवन शैली सुधारने की जरूरत पर बल देते हुए डॉ अंसारी ने कहा कि जीवन शैली को सुधार कर हृदय रोगों से बचा जा सकता है। हल्का व्यायाम, नियमित टहलने के साथ संतुलित आहार स्वस्थ्य जीवन के लिए आवश्यक है। आज की तनावपूर्ण जीवनचर्या से बचते हुए कम फैट वाले खाद्य पदार्थों को लेने की बात करते हुए कहा कि महिला और पुरुष दोनों समान रूप से हृदय रोगी हो सकते हैं इसलिए इसके खतरें को समझते हुए बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है। जीवन शैली में किए गए छोटे बदलाव बड़े खतरें से बचा सकते हैं। गांव की अपेक्षा शहरों में हृदय रोगियों की संख्या अधिक होने की बात करते हुए डॉ साजिद ने कहा कि गांव के लोग भोजन के अनुरूप श्रम भी करते हैं इसलिए गांव में हृदय रोगी शहर के मुकाबले कम पाएं जाते हैं।

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