वाराणसी। गत 24 मार्च को नगर निगम सदन की बैठक के दौरान हुए विवाद में विपक्षी पार्षदों के खिलाफ मनमानी दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में विपक्षी पार्षदों ने सड़क से संसद तक संघर्ष का ऐलान किया है। नगर निगम के कांग्रेस,समाजवादी पार्टी,बहुजन समाज पार्टी एवं निर्दलीय पार्षदों ने रविवार को साझा बैठक कर आंदोलन की नए सिरे से रणनीति तय की। इसमें सभी प्रमुख दलों के नेता भी मौजूद रहे। पार्षदों और विपक्षी नेताओं ने कहा कि 24 मार्च को सदन की बैठक को मनमाने ढ़ंग से स्थगित किए जाने पर संवैधानिक विरोध दर्ज कराने वाले पार्षदों पर सत्ता के प्रभाव में फर्जी मुकदमें लगाकर पार्षदों को जेल भेजने के साथ ही पुलिस के बल पर निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है। जिले की पुलिस भी सत्ता के दबाव में आकर निर्दोष जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध मनमानी कार्रवाई से बाज नही आ रही है। इस मौके पर सपा के जिलाध्यक्ष डा.पियूष यादव ने कहा कि हमारी लड़ाई देश के अंदर ऐसे लोगो से हैं जो दमनकारी नीतियों के दम पर लोकतंत्र की हत्या करने को आतुर हैं। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर कानून के बल पर अत्याचार का हम सभी संवैधानिक तरीके से मावूहृल जवाब देने को तैयार हैं। इसके लिए सदन के अंदर या सदन के बाहर जहां आवश्यकता होगी साझा दलों के सभी पार्षद एक साथ खड़े होकर जनता के हक की लड़ाई लड़ने का निश्चय कर चुके हैं। जिनके समर्थन में सदन के बाहर सड़क की लड़ाई में सभी विपक्षी दलों के लोग कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं। सपा के महानगर अध्यक्ष श्री राजकुमार जायसवाल ने कहा कि जनहित के मसलों पर सड़क पर उतर कर समस्त निर्वाचित पार्षदों के साथ साझा दलों के लोग क्रमवार आंदोलन चलायेंगे। भाजपा के दोषी पार्षदों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही हेतु न्यायालय की शरण में जायेंगे। जल्द ही शहर की सड़क पर एक बड़े मार्च के माध्यम से हम जनता के साथ अपनी आवाज को बुलंद करने का काम करेंगे। सपा पार्षद दल के नेता कमल पटेल ने कहा कि पार्षदों पर एक पक्षीय कार्यवाही की गयी जो सर्वथा अनुचित है। नारेबाजी करने वाले पार्षदों पर अपराधिक धाराओ में मुकदमें लगाये गये जबकि सदन में पिस्टल निकालने वाला पार्षद आज भी अपनी पिस्टल लेकर खुले आम घूम रहा है। जिले की प्रशासन ने भाजपा नेताओ के इशारे पर स्वयं कानून की धज्जियां उड़ाने का काम किया और वास्तविक दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही किया जिसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है। सपा नेत्री पूजा यादव ने जोरदार तरीके से अपनी बात रखते हुए कहा कि महिला महापौर के साथ दुव्र्यवहार का आरोप लगाकर पार्षदों को जेल भिजवाने वाली भाजपा देशभर में महिलाओ के साथ निरंतर हो रहे बलात्कार की घटना पर मौन क्यों है? कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि देश संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव आम्बेडकर का जन्म दिवस मना रहा है लेकिन यह दुरूखद है कि इसी देश में भीमराव आम्बेडकर के नाम पर ओछी राजनीति करने वाले भाजपा के लोग ही संविधान की हत्या की साजिश रच रहे हैं। साझा मंच से बोलते हुए कांग्रेस के श्री सतीश चैबे ने कहा कि भाजपा की तानाशाही के खिलाफ साझा मंच के नेतृत्व में गांधी और लोहिया के रास्ते पर चलकर शहर की सड़कों पर बड़ा जन आंदोलन की शुरुआत होगी। जनहित के हर मसले पर साझा मंच एक साथ है। कांग्रेस नेता अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि पार्षदों पर लगाये गये मुकदमों के वापिस होने तक निर्वाचित पार्षद सदन के बाहर बैठकर अपना विरोध दर्ज करते रहेंगे लेकिन जनता के मुद्दों पर सम्बंधित अधिकारियों को भी घेरने में यह मंच पीछे नही हटेगा। शालिनी यादव ने कहा कि सत्तापक्षा की तानाशाही वाली विचारधारा के खिलाफ एक जुट होकर आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए साझा मंच तैयार है। हम हर स्तर पर महापौर की गलत नीतियों के खिलाफ महिला पार्षदों के साथ महिलाओ की एक बड़ी तादात को घ्खडा करने का विश्वास दिलाते हैं। निर्दलीय पार्षद दल के नेता अजीत सिंह ने कहा कि यह इस शहर का दुर्भाग्य है कि यहां कि महापौर को नगर निगम के नियम व अधिनियम की कोई जानकारी ही नहीं है। भाजपा के नेताओ ने एक शिक्षित महापौर को कठपुतली बनाकर रख दिया है। सदन नियमों-अधिनियमों से चलता है ना कि भावनाओ और इशारों पर…। सदन बुलाने का अधिकार निश्चित रूप से महापौर को है लेकिन स्थगन का अधिकार पार्षदों को ही होता है, ऐसे में जब २४ की सदन में सपा,कांग्रेस,बसपा सहित निर्दल पार्षदो के बहुमत ने सदन चलाने की बात की तो मनमाने ढ़ंग से जबर्जस्ती सदन स्थगित करके महापौर ने यह साबित कर दिया कि वो दूसरे के इशारों पर सदन की कार्यवाही का संचालन कर रही थी। सदन में 24 मार्च की उपस्थिति की जांच करा ली जाय कि बहुमत किसकी थी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। और साबित हो जाएगा कि पूरे विवाद के जड़ में महापौर सहित भाजपा पार्षद की क्या भूमिका थी। जो आज साधु बनकर घूम रहे हैं। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केशरी ने कहा कि नगर निगम के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। हमने कई महापौर के कार्यकाल में अपने इलाके से प्रतिनिधित्व किया है। सदन में संवैधानिक विरोध जायज है लेकिन उसके बदले में आपराधिक मुकदमा शर्मनाक घटना है। महापौर से ऐसी उम्मीद सदन के साथियों को नही थी, उन्होने सदन के पार्षदों के बीच लकीर खींचने का काम किया है। जो दुरूखद के साथ-साथ निंदनीय है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि जनहित के मसले पर सड़क से लेकर सदन के अंदर तक संवैधानिक तरीके से किया गया हर विरोध जायज है। जनता जिन्हे अपने प्रतिनिधी के रूप में चुनकर सदन में भेजती है वो लोग जनता की आवाज होते है और यदि उनकी आवाज को रोकने का दुस्साहस भाजपा करा रही है तो यही लोकतंत्र की हत्या है। ऐसे लोगों को जनता जरूर जवाब देगी। बनारस हर तरफ बर्बादी के कगार पर है। और सरकार का तानाशाही रवैया चरम पर है। देश भर में बलात्कार की घटनाये बढ़ती जा रही है लेकिन सरकार के आंखो में पानी सूख गया है। जनता तड़प रही है लेकिन जनता की बात करने वाले पार्षदों को बोलने भी नही दिया जा रहा है। हम सब मुखर विरोध के लिए तैयार हैं। बैठक को रमजान अली,अनीसुर्रहमानअंसारी, मौलवी रियाजुद्दीन, हारून अंसारी, बबलू शाह, प्रशांत सिंह पिंवूहृ,अवनीश यादव, वरूण सिंह,शंकर बिसनानी, डॉ आनंद प्रकाश तिवारी आदि ने संबोधित किया। बैठक में शैलेंद्र सिंह (सदस्य-छावनी बोर्ड) डा.रमेश राजभर, पार्षद सुनिल यादव, अंकित यादव, गोपाल यादव, अफजाल अंसारी, राजेश पासी, अरशद लड्डू, साजिद अंसारी, गुलशन अली, अनिल शर्मा,संजय सिंह डाक्टर, बेलाल अहमद, रियाजुद्दीन ईत्यादि प्रमुख पार्षद उपस्थित रहे। अंत में बलात्कार पीड़िता बेटी की याद में दो मिनट का मौन रखकर पार्षदों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया।
Home > पूर्वी उ०प्र० > योगी सरकार पर तानाशाह होने का आरोप, विपक्षी नेता लामबंद,सड़क से सदन तक संघर्ष का ऐलान