मोहम्मद अशफाक
सर्वाइकल की अकडीं नसें, दर्द से तड़प रहा लोगो का शरीर
डुमरियागंज (सिद्धार्थनगर)। दौड़भाग भरी जिंदगी और अनियमित दिनचर्या के बीच घंटों मोबाइल,लैपटॉप और कंप्यूटर के इस्तेमाल ने युवाओं को नया दर्द दे दिया है। कंप्यूटर और मोबाइल पर घंटों जूझने के कारण वे तेजी से सर्वाइकल की चपेट में आकर कराह रहे हैं। लगातार बाइक चलाने वाले भी इस समस्या से परेशान हैं। नसों के अकड़ने से जवानी में ही युवाओं का शरीर टूट रहा है।
बैठने की गलत आदत व व्यायाम से दूरी के चलते 20 से 30 प्रतिशत से कहीं ज्यादा मरीज प्रतिदिन इस बीमारी से पीड़ित नजर आ रहे हैं।
आज के दौर में स्मार्टफोन के जरिए युवा वर्ग पूरी दुनिया की जानकारी के लिए दिनभर मोबाइल व लैपटॉप से ही चिपके रहते हैं। गेम खेलने का चलन भी काफी बढ़ गया है। साथ ही सोशल नेटवर्किंग साइट के प्रति भी तेजी से रुझान बढ़ा है। घंटों मोबाइल, लैपटॉप व कम्प्यूटर देखते हुए एक ही पोजीशन पर बने रहने से सीधे बैठ पाना भी संभव नहीं हो पाता। कुछ देर बाद गर्दन झुकाकर लोग उसमें व्यस्त हो जाते हैं। यही गलत आदत लोगों को बीमारियों का शिकार बना रही हैं। मौजूदा समय में 16 से 30 साल की उम्र में युवक- युवतियों में सर्वाइकल की बीमारी तेजी से फैली है। इस बारे में जानकारी देते हुए रिलैक्स आर्थो-न्यूरो फिजियोथेरेपी क्लीनिक के डा.अवनीश वर्मा ने बताया कि ऐसे युवाओं को पांच साल पहले तक सर्वाइकल जैसी बीमारी छू नहीं पाती थी। क्लीनिक में सर्वाइकल से पीड़ित इस उम्र के एक मरीज कहीं हफ्ते दस दिन पर आते रहते थे। अब तो हर रोज सर्वाइकल से पीड़ित 4 से 6 की संख्या में लोग आने लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का दर्द ठीक होने के बाद भी कभी भी उभर सकता है। भविष्य में मरीज को नियमित व्यायाम के साथ ही गर्दन सीधे रखकर बैठना पड़ेगा। नहीं तो बीमारी लाइलाज बन सकती है।
गर्दन में झुकाव व टेढ़ी होने से मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। धीरे-धीरे गर्दन की हड्डियों में बदलाव होने से यह शाखाएं दबने लगती हैं। इससे जहां तक नसें जाती हैं, शरीर के उन अंगों में दर्द झुनझुनी, सुन्नपन के साथ ताकत व संवेदना में से किसी एक या दो में कमी आने लगती है।
ऐसे करें बचाव
नियमित व्यायाम करें,आउटडोर गेम खेलें।कुर्सी पर सीधे बैठें।,रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।, बैठते समय गर्दन न झुकाएं।बीमारी की गिरफ्त में आने वाले यह करें।बाइक कम चलाएं, झटकों से बचकर रहें।,तख्त, प्लाईबोर्ड पर सोएं।,रुई, जूट के गद्दे का प्रयोग करें।,जरूरत होने पर ही पतली तकिया लगाएं।