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रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी

मुजफ्फरनगर। रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को राज्यसभा भेजने की तैयारी सुरू कर दी गई हैं। प्रदेश में राज्यसभा की 31 सीटें हैं, जिनमें जून माह में कुछ सीटें खाली होने जा रही है। ऐसे में जून-जुलाई में राज्यसभा के चुनाव होंगे, जिनके जरिए गठबंधन के बड़े चेहरों को सदन का हिस्सा बनाया जाएगा। जिसमें रालोद के हिस्से में आठ विधानसभा सीटें हैं, बाकी वोट सपा के खाते से पूरी की जाएंगी। प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने 111, रालोद ने आठ और सुहैल देव भारतीय समाजवादी पार्टी ने छह सीटें जीती हैं। गठबंधन की कुल 125 सीटों के जरिए सबसे बड़ा विपक्षी दी है। प्रदेश में राज्यसभा की 31 सीटें हैं, जिनमें जून माह में कुछ सीटें खाली होने जा रही है। ऐसे में जून-जुलाई में राज्यसभा के चुनाव होंगे, जिनके जरिए गठबंधन के बड़े चेहरों को सदन का हिस्सा बनाया जाएगा। चुनाव के नतीजों के बाद सपा और रालोद नेताओं में बातचीत हुई है। इसके अलावा 21 मार्च को लखनऊ में भी बातचीत होगी। खुद को साबित करने में रहे कामयाब: 2017 के चुनाव में रालोद को सिर्फ छपरौली की सीट मिली थी, उसमें भी जीत का अंतर बहुत अधिक नहीं था। इस बार रालोद ने आठ सीटें जीती हैं। पश्चिमी यूपी में भाजपा को सबसे बड़ा सियासी नुकसान करने में रालोद कामयाब रहा है। गठबंधन में चौधरी जयंत सिंह ने खुद को मजबूत से पेश किया है। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पहली बार जाट वोट रालोद के हिस्से में इतनी बड़ी संख्या में खड़ा दिखाई दिया है। 2009 में पहली बार बने थे सांसद: रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह 2009 में मथुरा से सांसद रह चुके हैं। इसके बाद वह 2012 में मथुरा की मांट सीट से विधायक चुने गए थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दें दिया था। मांट से लगातार जीतने वाले विधायक श्याम सुंदर शर्मा को हराने में भी जयंत सिंह कामयाब रहे थे।

 

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