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पोषण रथ के साथ गांव गांव जाकर जनसमुदाय को जागरूक करेंगी आशा और सुपरवाईजर

रिपोर्टर संंदीप


बलरामपुर 02 अगस्त। मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान है। जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात बच्चे को मां के पीले गाढ़े दूध का स्तनपान कराना चाहिए जिससे बच्चे के भीतर तेजी से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो और वो विभिन्न प्रकार की बिमारियों और कुपोषण का शिकार होने से बच सके। जन्म से लेकर छः माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए।
शुक्रवार को ये बातें उप जिलाधिकारी विनोद सिंह ने तुलसीपुर तहसील परिसर से पोषण रथ को रवाना करते हुए कही। विश्व स्तनपान सप्ताह के शुभारम्भ पर एसडीएम ने जागरूकता पोषण रथ को हरी झंड़ी दिखकर क्षेत्र के लिए रवाना किया। जिला पोषण विशेषज्ञ सीमा शुक्ला ने बताया कि प्रसव के बाद फिगर मेंटेन करने की चाह में 20 से 28 साल की महिलाएं नवजात को स्तनपान कराने से नजरअंदाज कर रहीं है। उनकों भ्रम है कि बच्चों को दूध पिलाने से उनका शरीर भारी हो सकता है और इसी वजह से स्तनपान कराने से बच रहीं हैं जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि चिकित्सकों के मुताबिक मां का दूध ना मिलने से बच्चे में शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है।
सीडीपीओ गैसड़ी गरिमा श्रीवास्तव ने बताया कि 7 अगस्त तक मनाये जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान पोषण रथ जनसमुदाय को जागरूक करने के लिए गैसड़ी ब्लाक के करीब 100 गांवों मे ंजाएगा। जिस गांव में ये रथ पहुंचेगा वहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाईजर रथ के साथ मौजूद रहेंगी और जनसमुदाय, नवप्रसूताओं और गर्भवती महिलाओं को एकत्र करके उन्हे कुपोषण के नुकसान और सुपोषण व स्तनपान के फायदे बताएंगी। उन्होने बताया कि पोषण रथ का अभिनव प्रयोग गैसड़ी ब्लाक में ही किया जा रहा है। यहां की सफलता का मूल्यांकन के बाद जिले के अन्य ब्लाकों में भी योजना लागू की जा सकती है। तुलसीपुर तहसील से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सुपरवाईजर के साथ निकलने के बाद पोषण रथ ने चरनगहिया, सोनपुर, चैपुरवा, जीतपुर, पुरूषोत्तमपुर, मटेहना, गैसड़ी, डालपुर बकौली आदि गांवों में जागकर जनसमुदाय को स्तनपान व सुपोषण का महत्व बताकर जागरूक किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोषण सखी के सहयोग से पोषण रथ के बड़े सुंदर व आकर्षक ढंग से सजा रखा था। इस अवसर पर जिला पोषण विशेषज्ञ सीमा शुक्ला, पोषण सखी दीपाली, शीला वर्मा, अंजू गोस्वामी, किरन चैरसिया, चित्रा, यशोमती, रेखा सहित गैसड़ी ब्लाक के करीब 50 गांव की आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं।

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