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प्राइमरी स्कूलों में फर्जी पंजीकरण कर गोलमाल करने वालों के खिलाफ अभियान शुरू

रिपोर्ट:दीपक वर्मा – डीएम की छापेमारी में खुल रही हकीकत, शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट

गोंडा |डीएम कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव ने बेसिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में बच्चों का फर्जीं पंजीकरण दिखाकर गोलमाल करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। बच्चों का फर्जी नामांकन दिखाकर मिड डे मील, स्वेटर, यूनीफार्म, जूते, पाठ्य पुस्तकेें आदि हजम करने वाले प्रधानाध्यापकों व मिली भगत में शामिल अधिकारियों का चिन्हांकन व सत्यापन शुरू कर दिया गया है। दोषी पाए जाने वाले अध्यापक व अधिकारी अब डीएम के निशाने पर आ गए हैं और जल्द ही प्रभावी कार्यवाही होने जा रही है। अभियान के तहत सोमवार को डीएम ने स्वयं दो विद्यालयों में छापेमारी की।

डीएम कैप्टेन प्रभान्शु श्रीवास्तव ने राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों से चारों तहसीलों के पांच-पांच प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूलों में पंजीकरण के सापेक्ष उपस्थिति, विद्यालय में अध्यापकों की तैनाती व शिक्षा की गुणवत्ता का सत्यापन कराना शुरू कर दिया है। डीएम ने बताया कि पंजीकरण के सापेक्ष उपस्थिति का सत्यापन राजस्व अधिकारियों से कराकर शासन को बेसिक शिक्षा विभाग की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाएगा तथा पंजीकरण के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले अध्यापकों व खण्ड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्यवाही की संस्तुति की जाएगी। डीएम ने बताया कि पंजीकरण के सापेक्ष अनुपस्थित मिलने वाले बच्चों के घर पर जाकर अधिकारी उनकी सही स्थिति जैसे सम्बन्धित बच्चा वास्तव में कहां पढ़ रहा है, पंजीकृत बच्चा उस विद्यालय पढ़ने जाता है अथवा नहीं या सिर्फ पंजीकरण करके सरकारी सुविधाओं की बन्दर बांट की जा रही है आदि का सत्यापन करेगें। डीएम ने स्वयं प्राथमिक विद्यालय खिरौरा मोहन तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय नरौरा डिहवा में छापेमारी की। प्राथमिक विद्यालय खिरौरा मोहन में कक्षा एक में पंजीकृत 20 बच्चों के सापेक्ष 09, कक्षा 2 में 45 के सापेक्ष 30, कक्षा 3 में 40 के सापेक्ष 21,कक्षा 4 में 31 के सापेक्ष 18, कक्षा 5 में 16 के सापेक्ष 9 तथा आंगनबाड़ी केन्द्र में पंचीकृत 50 बच्चों के सापेक्ष मात्र 11 बच्चे ही उपस्थित मिले। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय नरौरा डिहवा में पंजीकृत 107 बच्चों के सापेक्ष मात्र 26 बच्चे ही उपस्थित मिले। डीएम ने प्रधानाध्यापकों को वहीं पर जमकर फटकार लगाई और फर्जीवाड़ा पाए जाने पर जेल भेज देने की चेतावनी दी है। क्लास रूम में डीएम ने जब बच्चों के स्वेटर की गुणवत्ता चेक किया तो बेहद घटिया स्तर का स्वेटर पाया गया। यूपीएस की सभी कक्षों व भूकम्परोधी कक्षों की छत लटकी तथा कक्ष बिना फर्श के मिले। डीएम ने ग्राम प्रधान से जवाब तलब किया तो पता चला कि 2008-9 में तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी रीता गुप्ता द्वारा मानकों की अनदेखी करके बेहद निम्न स्तर का निर्माण कार्य कराया गया। शैक्षिक स्तर की जांच के लिए डीएम ने कक्षा 8 व 7 के बच्चों से पहाड़ा सुनाने को कहा तो उपस्थित 26 बच्चो में से मात्र एक बच्ची की पहाड़ा सुना सकी। डीएम ने हैरानी व्यक्त करते हुए प्रधानाध्यापक को सत्यापन के बाद फर्जी पंजीकरण मिलने पर बर्खास्त करने की चेतावनी दी है। डीएम ने कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अब सुधर जाएं। सरकार धन का दुरूपयोग करने वाले अधिकारी कर्मचारी अब कतई बख्शे नहीं जाएगें। डीएम ने बताया कि सत्यापन रिपोर्ट के आने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजने के साथ ही कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इस दौरान तहसीलदार सदर वेद प्रकाश पाण्डेय, राजस्व निरीक्षक तथा लेखपाल उपस्थ्ति रहे।

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