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कुपोषण दूर करने कवायद: सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र व गम्भीर कुपोषित बच्चों के घर बनेगी ‘‘पोषण वाटिका’’

रिपोर्टर संदीप

बलरामपुर । बच्चों को पोषण से भरपूर खाद्यय पदार्थो के लिए अब आपको गांव से दूर नहीं जाना पड़ेगा। कुपोषण को दूर करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार ने मिलकर एक नई कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना के तहत गांव के सरकारी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों व कुपोषित बच्चों के घर के आंगन में ‘‘पोषण वाटिका’’ बनाई जाएगी। पोषण वाटिका में उगने वाली सब्जियों से बच्चों में कुपोषण को दूर करने में मदद मिलेगा। सरकार ने जिले में ‘‘पोषण वाटिका’’ तैयार करने की जिम्मेदारी छः विभागों को दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख सचिव मोनिका एस गर्ग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर कहा है कि पोषण अभियान के तहत कुपोषण को दूर करने के लिए जनसमुदाय को पोषण संबंधी गतिविधियों से जोड़कर इसे जन आन्दोलन के रूप में चलाया जाएगा। इस अभियान से लाभार्थी परिवार सहित जनसमुदाय भी पोषण के महत्व से जागरूक हो सकेंगे। किशोर, किशोरी तथा बच्चों को इस आन्दोलन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया है। किशोर किशोरियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और उचित पोषण पर ध्यान देकर देश, प्रदेश व जिले का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। इस हेतु राज्य पोषण मिशन और शिक्षा विभाग के प्रयास से पोषण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
-आंगनबाड़ी केन्द्र व कुपोषित बच्चों के घर में होगी पोषण वाटिका
ग्राम प्रधानों के सहयोग से जिले के सभी 9 ब्लाक के 1882 आंगनबाड़ी केन्द्रों व गम्भीर रूप से कुपोषित बच्चों घरों में पोषण वाटिका का निर्माण होगा। जिन घरों में कुपोषित किशोर किशोरी हैं व परिवार साग सब्जियां खरीदने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे परिवार को सप्ताह में एक बार पोषण वाटिका से सब्जियां दी जाएगीं। इसके निर्माण में उद्यान विभाग सशुल्क बीज व पौधे उपलब्ध कराएगा। वाटिका निर्माण में ग्राम प्रधान ग्राम निधि से बीज, पौधे, आवश्यक मजदूरी का भुगतान करेंगे।
-सरकारी स्कूलों में बनेगी पोषण वाटिका
प्रधानाचार्य वाटिका लगाने के लिए बच्चों का समूह तैयार करते हुए जमीन उपलब्ध कराएगा। ब्लाक स्तर पर पहचान कर जिन सरकारी स्कूलों में सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था है वहां पर पोषण वाटिका बनाई जाएगी। बलुई, कीचड़ मिट्टी व जलाशय की मिट्टी में पोषण वाटिका बनेगी। विद्यालय में उपलब्ध स्थान के अनुसार 200 से 400 वर्ग मीटर के दायरे में इसे बनाया जाएगा। जहां परं पर्याप्त सूर्य का प्रकाश और पानी की व्यवस्था होगी वहीं पर वाटिका का निर्माण होगा। वाटिका को 5 से 6 आयताकार भागों में बांटा जाएगा जिससे 5 से 6 प्रकार की सब्जियां एक बार में उगाई जा सके। वाटिका में विघार्थियों के पसंद के हिसाब से आयरन, विटामिन ए व सी से भरपूर सब्जियों उगाई जाएंगी।
-पोषण वाटिका का उद्देश्य
पोषण वाटिका के माध्यम से मिड डे मील एवं हाॅट कुक मील में बनाये जा रहे भोजन में वाटिका में उगाई गई सब्जियों को मिलाकर उसे पौष्टिक बनाया जाएगा। बच्चों को मौसमी सब्जियों की उपयोगिता, साग सब्जियों में मौजूद पोषक तत्व के बारे में जानकारी देकर यह संदेश को परिवार के अन्य सदस्यों तक भी पहुंचाया जा सकेगा।
-इन विभागों की होगी सहभागिता
पोषण वाटिका को विकसित करने में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, पंचायती राज, ग्राम्य विकास विभाग, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभागकी अलग अलग कार्ययोजना तैयारी की गई हैं जिसके माध्यम से इन्हे सहयोग प्रदान करना होगा।

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